24 अक्टूबर को एक्यूआई का स्तर 125 था तो 25 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 169 रेकॉर्ड किया गया। 26 अक्टूबर को 112, 27 को 118, 28 को 115 व 31 अक्टूबर को 161 के करीब रहा एक्यूआई नवंबर के पहले दिन 139 के स्तर पर आने के बाद कम होने लगा है। 2 नवंबर को 138, 3 व 4 नवंबर को 89 तो 5 नवंबर को आंशिक बढ़ोतरी के साथ एक्यूआई का स्तर 98 रेकॉर्ड किया गया है। जानकारों की माने तो इस अवधि में सुबह के समय सर्दी की शुरूआत वाली हवाएं कम प्रदूषित रही है।
सड़कों को सुधार दिया जाए तो और कम होगा प्रदूषण
शहर मेें वायु प्रदूषण बढऩे का बड़ा कारण खराब सड़कों, धूल कणों को भी माना जा रहा है। बारिश के दौरान उखड़ी ज्यादातर सड़कों पर अब तक पेंचवर्क पूरा नहीं हो पाया है। कॉलेज रोड, न्यूरोड, दो बत्ती चौराहा से डाट की पुल, पॉवर हाउस रोड, नहारपुरा रोड पर अब भी बड़े-बड़े गड्ढे और उनमें बार बार डाली जा रही मूरम उड़ती नजर आती है।
अगर इन सड़कों को समय पर सुधार दिया जाए तो वायु प्रदूषण का आंकड़ा कम होगा।
कई कारणों से प्रदूषण बढ़ता
वायु प्रदूषण के लिए एक या दो कारण जिम्मेदार नहीं होते, बल्कि हर शहर और क्षेत्र में कई कारणों से प्रदूषण बढ़ता है। बड़े शहरों में एक साथ कई कारण होने से एक्यूआई का स्तर औसत मानक को पार कर जाता है। रतलाम जैसे शहर में स्थानीय कारण वायु प्रदूषण के आंकड़ों में कमी-बढ़ोतरी कराते है, सभी को जागरूक होना पड़ेगा।
– एसएन द्विवेदी, प्रभारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन