बहते रहना, बरसना है और बोना है। नदी बहती रहती है इसलिए स्वच्छ है, ठीक ऐसे ही हमें अपने मन को नदी की तरह बहता हुआ रखना है। बादल बरस कर हल्के होते हैं, ऐसे ही आप भी प्रेम, शक्ति, संपत्ति, समय जो हो वह देने को राजी हो जाओ, क्योकि हम जो बोते हैं, उसी का उदय होता है।
आचार्यश्री की निश्रा में 26 नवंबर को सैलाना वालों की हवेली, मोहन टॉकीज में “चातुर्मास पूर्ण विराम या अल्पविराम” विषय पर विशेष प्रवचन होंगे। प्रवचन का समय प्रात: 9.15 से 10.30 बजे तक होंगे। 27 नवंबर को जैन कॉलोनी में चातुर्मास परिवर्तन एवं श्री शत्रुंजय तीर्थ की भाव यात्रा का आयोजन होगा। सुबह 6.30 बजे आचार्य श्री गाजे-बाजे के साथ सेठजी का बाजार से चातुर्मास परिवर्तन के लिए प्रस्थान करेंगे। इसके बाद सुबह 7 बजे जैन कालोनी में श्री शत्रुंजय तीर्थ की भाव यात्रा का आयोजन होगा। लाभार्थी श्री जैन कॉलोनी श्री संघ रहेगा। श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेव केशरीमल जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़़ी ने धर्मालुजनों से इस अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया है।