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रांची

अंधविश्वास में चढ़ा दी 2 मासूमों की बलि! मिट्टी में गड़े थे शव, बारिश आई तो पैर निकले बाहर

Child Sacrifice In Jharkhand: लातेहार जिले ( Latehar ) में पड़ोसी की ओर से बच्चों की नरबलि देने का मामला ( Child Sacrifice In Latehar ) जिसने सुना उसे कंपकपी छुट गई। बच्चों के शव ( Child Sacrifice In India ) मिट्टी में दबे हुए थे। एक बच्चे के पैर बाहर निकले तो गांव वालों को पता चला। पुलिस ( Jharkhand Police ) मामले की जांच कर रही है।
 

रांचीJul 11, 2019 / 04:29 pm

Prateek

Child Sacrifice In Jharkhand

Child Sacrifice In Latehar

(रांची,रवि सिन्हा): झारखंड के लातेहार जिले ( Latehar ) के मनिका थाना क्षेत्र के सेमरहाट गांव ( Semarahat village ) से अंधविश्वास में दो बच्चों की नरबलि ( child sacrifice ) देने का मामला सामने आया है। पुलिस ( jharkhand police ) ने दोनों बच्चों की सिर कटी लाश को बरामद किया है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि अंधविश्वास में पड़ोसी ने ही एक बच्चे और एक बच्ची की बलि दे दी।


मिट्टी में दबे थे सिर विहीन शव, बारिश में पैर निकले बाहर

मिली जानकारी के अनुसार एक बच्ची पिछले बुधवार से लापता थी,वहीं दूसरा बच्चा पिछले 24 घंटे से लापता था। दोनों बच्चों की सिर कटी लाश बरामद हुई है। बच्चों की हत्या कर शव को बालू में गाड़ दिया था, लेकिन बारिश के कारण एक बच्चे का पैर बाहर निकल गया और ग्रामीणों को बालू में शव गाड़े जाने की जानकारी मिली। सेमरहाट गांव के ही सुनील उरांव के घर के बगल से दोनों बच्चों के शव को बरामद किया। सुनील उरांव पर ही हत्या का आरोप लगा है, वहीं आरोपी गांव से फरार हो गया है। मामले की जानकारी पुलिस को मिली और मौके पर पहुंची पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है।


आरोपी के घर पर खून के धब्बे मिले

Child Sacrifice In Jharkhand

रांची से पहुंची एफएसएल ( FSL ) की टीम की उपस्थिति में दोनों बच्चों के शव को बालू से बाहर निकाला गया। हालांकि दोनों बच्चों के शव से सिर गायब है। इस कारण ग्रामीणों ने अंधविश्वास में बच्चों की बलि देने की आशंका जताई है। वहीं आरोपी के घर से खून के धब्बे भी मिले है।

 

बच्ची और बच्चा घर से थे लापता

बताया गया है कि मनिका थाना क्षेत्र अंतर्गत सेमरहाट गांव ( Semarahat Jharkhand ) में रहने वाले वीरेंद्र उरांव का 11 वर्षीय बेटा निर्मल उरांव बुधवार सुबह सात बजे से लापता था। परिजनों ने दिनभर उसकी खोजबीन की और आज सुबह सुनील उरांव के घर के निकट से बच्चे का शव बरामद किया गया। वहीं गांव की छह वर्षीय शीला कुमारी पिछले बुधवार से घर से लापता थी। मासूम शीला का सिर विहीन शव भी निर्मल के साथ ही सुनील उरांव के घर के पास मिट्टी में गड़ा मिला।

 

ओझा-गुणी का काम करता था आरोपी

Child Sacrifice In Jharkhand

बताया जा रहा है कि सेमरहाट गांव निवासी सुनील उरांव ओझा-गुणी का काम करता है। इसलिए ग्रामीणों की ओर से आशंका जताई गई कि अंधविश्वास ( Child Sacrifice In Blind Faith ) में बच्चों की बलि देने के बाद शवों को
जमीन के अंदर दफना दिया गया है। सेमरहाट पंचायत के मुखिया राजेंद्र उरांव ने बताया कि जादू-टोना के चक्कर में बलि दी गई है।


प्रथम दृष्टया अंधविश्वास का मामला:-पुलिस

Child Sacrifice In Jharkhand

घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस ( Jharkhand Police ) टीम के साथ पहुंचे अंचल अधिकारी नंद किशोर राम ने बताया कि प्रथम दृष्टया अंधविश्वास के कारण बच्चे की हत्या कर दिये जाने का मामला लगता है, लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, कुछ भी स्पष्ट बताना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि फॉरेसिंक विभाग की टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य एकत्रित करने के प्रयास किये जा रहे है।


आरोपी के घर का ताला तोड़ा, जांच जारी

पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। वहीं पुलिस और फॉरेसिंक विभाग की टीम ने मृतक सुनील उरांव के बंद घर के ताले को तोड़ कर छानबीन कर साक्ष्य एकत्रित करने का प्रयास किया।


विज्ञान का शिक्षक दे रहा था पडोसी के बच्चे की बलि

Child Sacrifice In India

एक तरफ देश जहां तेजी से विकास के पथ पर गतिमान हैं वहीं अंधविश्वास के चलते मासूम बच्चों की बलि देने के मामले ( Child Sacrifice In India ) देश की छवि को आघात पहुंचा रहे है। अंधविश्वास के चक्कर में पड़ोसी के बच्चे की बलि देने का मामला बीते दिनों असम के उदालगुड़ी जिले के कलाईगांव से सामने आया था। हर कोई यह घटना सुनकर चौंक गया था कि कलाईगांव के सरकारी स्कूल में विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षक जादव सहरिया ने अपने पड़ोसी के बच्चे की बलि देने की कोशिश की। आरोपी शिक्षक ने बलि देने से पहले घर व वाहनों में आग लगा दी थी। इससे गांव वालों को घटना का पता चला। पुलिस मौके पर पहुंची तो यह देखकर चौंक गई कि शिक्षक के परिवार के लोग और तांत्रिक क्रिया में भाग लेने वाले सभी लोग नंगे थे। आरोपियों ने पुलिस पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, संघर्ष में जादव सहरिया और उसके बेटे पुलकेश को भी गोली लगी। पुलकेश की अस्पताल में मौत हो गई थी।

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