दरअसल, बीजेपी नेता आकाश हनी ने करीब 1 साल पहले सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक शिकायत पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने आजम खान द्वारा गलत तरीके से किसानों की व सरकारी जमीन को कब्जाने का आरोप लगाया था। उसी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जब विभागीय जांच हुई तो मामला सही पाया गया।
एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी द्वारा शिकायती पत्र की जांच पड़ताल की गई। जिसके बाद उन्होंने एक रिपोर्ट बनाकर रामपुर जिलाधिकारी आंजनेय कुमार को भेजी। जिसमें यह कहा गया है कि वह जमीन जो सांसद महोदय आजम खान के निजी ट्रस्ट के नाम की गई है, है उसमें तमाम नियम कायदे कानून को ताक पर रखा गया है। साथ ही करोड़ों का राजस्व भी जमा नहीं कराया गया है।
बता दें कि कि बीजीपी नेता आकाश हनी ने अपने शिकायती पत्र में लिखा था कि पूर्व की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मोहम्मद आजम खान ने अपनी सत्ता के रसूख के चलते तमाम सारी जमीनों को बिना नियम कायदे कानून के अपने जौहर ट्रस्ट के नाम करा ली है। जो कि गलत है। तमाम सारी नदी की जमीन को कब्जे में लिया गया है और कई किसानों की जमीन का भी गलत तरीके से बैनामा कराया गया है। साथ ही सभी चकरोड़ों पर भी कब्जा कर अपने निजी ट्रस्ट में मिला लिया गया।
सत्ता परिवर्तन के बाद से ही मुश्किल में आजम खान गौरतलब है कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से ही आजम खान पर लगातार शिकंजा कसता नजर आ रहा है। अभी तक उनके खिलाफ कुल 84 मुकदमें अलग-अलग मामलों में दर्ज किए गए हैं। ज्यादातर मामलों में आजम खान कोर्ट में आकर अपना जवाब नहीं दे रहे हैं। वहीं कई मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से राहत भी मिली है। कई मामलों में सांसद के गैर जमानती वारंट जारी है। इसके साथ ही उनके कोर्ट में पेश नहीं होने के चलते भी पुलिस उनके घर की मुनादी करा रही है।
2 सप्ताह पहले एसडीएम ने 26 किसानों को वापस कराई जमीन एसडीएम सदर राम भरत तिवारी व तहसीलदार ने करीब दो सप्ताह पहले ही 26 किसानों को समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर कब्जा दिलाया। अब वह किसान अपनी जमीन पर खेती करने की तैयारी कर रहे हैं। आरोप था कि ये जमीन आजम खान द्वारा जबरदस्ती कब्जाई गई थी। जिसके चलते किसानों द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।