राज्य कर के अपर आयुक्त ग्रेड -1 आरएस द्विवेदी के निर्देशन में कई दिनों से रामपुर जिले के टांडा व स्वार तहसील स्थित स्टोन क्रेशर फर्मों के विरुद्ध गोपनीय जांच चल रही थी। प्राथमिक जांच में व्यापक पैमाने पर कर चोरी का डाटा मिलने पर मंडलायुक्त आंजनेय सिंह को इसकी जानकारी दी गई। मंडलायुक्त के निर्देश पर अपर आयुक्त ग्रेड -2 आरए सेठ ने छापा मारने के लिए एआईबी के संयुक्त आयुक्त मोहित गुप्ता के नेतृत्व में चार टीमें गठित कीं।
टीम ने सुबह साढ़े दस बजे स्वार स्थित चारों स्टोन क्रशरों पर पुलिस फोर्स के साथ छापा मारा। जांच में राज्य कर के 25 अधिकारी शामिल थे। पूछताछ के दौरान स्टोन क्रशर के मालिकों ने बताया कि वे फर्मों से कच्चे माल के रूप में बोल्डर और पत्थर की खरीद करते हैं। कच्चे माल को क्रश करके 10 एमएम, 20 एमएम, 40 एमएम, कोर सैंड, बजरी एवं डस्ट का निर्माण कर उनकी आपूर्ति करते हैं। कागजातों की जांच में पाया गया कि व्यापारी कर चोरी करने के लिए वास्तविक बिक्री नहीं दिखाते थे।
अधिकारियों का कहना था कि चारों व्यापारी भारी मात्रा में जीएसटी एवं खनन के रूप में राजस्व की चोरी कर रहे थे। जांच अधिकारियों ने मौके से स्टॉक रजिस्टर, लैपटॉप और अन्य अभिलेखों को जब्त किया है। जांच में लगभग 20 करोड़ के स्टॉक की बिक्री लेखा पुस्तिकाओं से बाहर पाई गई। जीएसटी चोरी प्रकाश में आने के बाद चारों फर्मों ने मिलकर 52 लाख रुपये जमा किया। अधिकारियों का कहना था कि अभी चारों फर्मों की जांच जरूरी है। इस मामले में राज्य कर विभाग नोटिस जारी कर कर चोरी का जवाब मांगेगा। इसके बाद फाइनल कर चोरी का पता लगेगा।