दरअसल, हाल ही में रामपुर स्थित कोसी नदी में अवैध खनन की सूचना नायब तहसीलदार को मिली थी। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार लेखपाल को लेकर अपनी कार से कोसी नदी पहुंचे। पानी कम होने के चलते चालक ने कार नदी में उतार दी। जैसे ही कार बीच नदी में पहुंची तो डूबने लगी। कार को पानी में डूबते देख नायब तहसीलदार समेत चालक व लेखपाल की जान हलक में आ गई। वहीं नायब तहसीलदार ने साहस का परिचय देते हुए तुरंत नजदीकी गांव के ग्रामीण को फोन कर मौके पर ट्रैक्टर के साथ बुला लिया, जिसने कड़ी मशक्कत के बाद कार समेत नायब तहसीलदार व अन्य लोगों काे खींचकर कोसी नदी से बाहर निकाला। हांलाकि इस घटना के बाद खनन माफिया मौके से भागने में कामयाब हो गए। नदी किनारे खड़े कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। इस घटना को लेकर अब नायब तहसीलदार राकेश कुमार कुछ बोलने से बच रहे हैं। वहीं जब एसडीएम राजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया।
बता दें कि कोतवाली स्वार क्षेत्र के मसवासी इलाके में कोसी नदी बहती है। कोसी नदी में अवैध खनन के खिलाफ पिछले कुछ सालों में कई बड़ी कार्यवाही भी हुई हैं, लेकिन इसके बावजूद खनन माफिया बाज नहीं आ रहे हैं। कोसी नदी में हो रहे खनन को लेकर अब तक करोड़ों रुपया खनन माफियाओं से वसूला गया है। साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा जा चुका है। बावजूद खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह खुलेआम खनन कर रहे हैं। वहीं उच्च न्यायालय से भी पिछले दिनों पूर्व के डीएम रहे राजीव रौतेला को भी बड़ा झटका लगा था। वर्तमान डीएम आंजनेय कुमार खनन को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई पर कार्रवाई में करा रहे हैं।