दरअसल, रामपुर जिले के अजीमनगर थाना क्षे़त्र के नागलिया आकिल गांव में गुरुवार को फकीर मुहम्मद की मौत हो गर्इ थी। वे देवबंदी मसलक के थे, वहीं उनके परिवार के दूसरे लोग बरेलवी हैं। उनकी मौत के बाद जनाजे की नमाज उनके पौते ने पढ़ार्इ। इस मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ा तो कुछ लोग बरेली से फतवा ले आए आैर उसे सबके सामने पेश किया। बरेली से आए इस फतवे में कहा गया है कि जिन लोगों ने भी देवबंदी के जनाजे की नमाज पढ़ी है। उन लोगों के निकाह टूट गए हैं। यह सुनकर क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति बन गर्इ। इसके बाद गांव की मस्जिद में 12 लोगों के निकाह दोबारा से पढ़ाए गए।
इस संबंध में जब जिला मुफ्ती सैयद शाहिद मियां से बात की गर्इ तो उन्होंने कहा कि देवबंदी के जनाजे की नमाज में शामिल होना गुनाह है। इस गुनाह से निकाह पर असर पड़ सकता है। एेसे में हमें अपने र्इमान की हिफाजत के लिए दोबारा निकाह पढ़वाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यूरोप के लाेग अक्सर एेसा करते हैं आैर वे दोबारा निकाह पढ़वाते हैं। एेसा करने से वे अपने र्इमान को भी ताजा करते हैं।