राजसमंद

यहां हुए जलाशय और कुएं लबालब, इस बार भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी की उम्मीद

– सन् 2000 के बाद से जिला अतिदोहित श्रेणी में, कुंभलगढ़ और खमनोर संवेदनशील, भू-जल सर्वेक्षण विभाग ने वर्षा पश्चात सर्वे किया शुरू, एक माह बाद आएगी रिपोर्ट, 177 कुएं और 130 पीजियोमीटर के माध्यम से जांचा जाएगा भू-जल स्तर

राजसमंदOct 14, 2023 / 10:59 am

himanshu dhawal

राजसमंद के निकट एक गांव में लगे पीजियोमीटर से भू-जल की जांच करते वैज्ञानिक व अन्य।

राजसमंद. जिले में बिपरजॉय तूफान के तहत हुई झमाझम के बाद मानसून की बारिश होने से इस बार भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। भू-जल सर्वेक्षण विभाग ने वर्षा पश्चात होने वाले सर्वे का काम शुरू कर दिया है। विभाग की ओर से 307 स्थानों पर इसकी जांच की जाएगी। जिले की पांच पंचायत समिति अतिदोहित और दो संवेदनशील श्रेणी में है।
भू-जल विभाग की ओर से भू-जल स्थिति पर नजर रखने के लिए वर्षा से पहले और वर्षा के बाद सर्वे किया जाता है। इससे प्रतिवर्ष भू-जल की स्थिति की जानकारी मिलती है। सन् 2000 के बाद जिला अतिदोहित श्रेणी में है। इसके कारण प्रतिवर्ष भू-जल स्तर में गिरावट हो रही है। इस वर्ष सितम्बर माह में बिपरजॉय के तहत हुई बारिश के बाद मानसून की बारिश के कारण जिले के अधिकांश जलाशय में पानी की आवक हुई है। इसके कारण कई जलाशय और कुएं ओवरफ्लो हो गए हैं। ऐसे में इस वर्ष भू-जल स्तर में एक मीटर के करीब बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है। विभाग की ओर 177 कुएं और 130 स्थानों पर लगे पीजियोमीटर से भू-जल स्तर की जांच के साथ ही पानी के सेम्पल भी लिए जाएंगे। इन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। इससे पानी में आने वाले बदलाव की जानकारी मिलेगी। उल्लेखनीय है कि खमनोर पंचायत समिति भी पहले अतिदोहित श्रेणी में आती थी, लेकिन अब यहां पर धीरे-धीरे भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी होने के कारण यह अतिदोहित की श्रेणी से निकलकर संवेदनशील श्रेणी में आ गया है।
25 जलाशय में से 5 खाली, छह ओवरफ्लो
सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 25 जलाशय आते हैं। इस बार बिपरजॉय तूफान के तहत अच्छी बारिश होने के बाद मानसून की बारिश के कारण जलाशयों में पानी की अच्छी आवक हुई है। स्थिति यह है कि वर्तमान में सिर्फ भीम क्षेत्र के पांच जलाशय में पानी की आवक नहीं हुई है। इसमें भीम रपट, बड़ा तालाब, देहरिया, लक्ष्मी सागर, तेजरलाई जलाशय में पानी की आवक नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि इस बार राजसमंद झील, भराई, सांसेरा, नंदसमंद , चिकलवास और बाघेरी का नाका ओवर फ्लो होकर छलके हैं।
भीम में सबसे कम और गढ़बोर में सर्वाधिक बारिश
जिले में सिंचाई विभाग के अनुसार एक जून से लेकर 30 सितम्बर तक औसत 798.18 एमएम बारिश हुई है। इसमें आमेट में 863 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इसी प्रकार भीम में 593, देलवाड़ा में 697, देवगढ़ में 868, गढ़बोर में 1015, खमनोर में 794, केलवाड़ा में 948, कुंवारिया 759, नाथद्वारा में 725, रेलमगरा 781 और राजसमंद में 737 एमएम बारिश दर्ज की गई है।
विभाग ने शुरू किया सर्वे, जलस्तर बढऩे की उम्मीद
भू-जल विभाग की ओर से वर्षा पश्चात भू-जल सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। जिले में 307 कुएं एवं पीजियोमीटर पर इसकी जांच की जाएगी। इस बार जलाशयों में पानी की अच्छी आवक हुई है। कुएं भी ओवरफ्लो हो रहे हैं। इससे जलस्तर में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।
– संदीप जैन, वरिष्ठ वैज्ञानिक भू-जल सर्वेक्षण विभाग राजसमंद

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