आंकड़े ये भी दर्शाते हैं कि लोकसभा चुनाव के करीब चार-पांच माह बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में मतदान गिरने का अंतर भी कम हो रहा है। यह निर्वाचन आयोग की कोशिशों और मतदाताओं की जागरुकता का नतीजा है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य निर्वाचन आयोग ने स्वीप गतिविधियों और नवाचारों के जरिये मतदाता जागरुकता बढ़ाने में सफलता हासिल की है। इसके सुखद नतीजे भी देखने को मिले हैं।
हमारी पूर्व तैयारी बूथ लेवल तक चल रही है। 50 प्रतिशत से कम मतदान वाले बूथों को चिह्नित किया है। स्थानीय टीमें बनाई हैं, जो कारण खोज रही हैं। गर्मी के मद्देनजर मतदान केन्द्रों पर पेयजल, छांव, चिकित्सा बंदोबस्त व मतदाताओं की मदद के लिए वालंटियर, सभी जगह व्हील चेयर मुहैया कराएंगे। मतदान के दिन बूथवार वोटिंग ट्रेंड परखेंगे। जहां कम है, वहां के वंचित मतदाताओं को बाकायदा कॉल कर मतदान के लिए प्रेरित करने की योजना है।
डॉ. भंवरलाल, जिला निर्वाचन अधिकारी, राजसमंद