यह अब तक की प्रगति
- 1195 स्थानों पर होगी पशुगणना
- 89 प्रगणक और 17 सुपरवाइजर लगाए
- 57 गांवों में शुरू हुई अब तक गणना
मुर्गे-मर्गी और लावारिस पशुओं की होगी गणना
पशुपालन विभाग के अनुसार पशु गणना के साथ मुर्गे-मुर्गी के साथ लावारिस गौवंश-सांडवंश आदि की जाएगी। इसके साथ ही पालतू गाय, भैंस, बकरी, ऊंट, गधे, श्वान की गणना की जा रही है। साथ ही जिले की सभी गौशालाओं, पोल्ट्री फार्म, स्लोटर हाउस, निजी फार्म हाउस में रहने वाले पशुओं-पक्षियों की गणना की जाएगी। इससे जिले की वास्तविक पशुओं की गणना सामने आ सकेगी।
फैक्ट फाइल (2019 की पशुणना)
- 10.87 लाख जिले में कुल पशु
- 4.79 लाख करीब गौवंश-भैंसवंश
- 5.50 लाख बकरे-बकरी
- 58 हजार भेड़ व अन्य पशु
- 1500 जिले में ऊंटों की संख्या
लंपी वायरस से हुई कई गौवंश की मौत
गत वर्षो में गौवंश के लंपी वायरस की चपेट में आने से सैकडों गौवंश की मौत हो गई थी। हजारों इसकी चपेट में आ गए थे। ऐसे में पशुगणना से गौवंश की वास्तविक स्थिति सामने आ सकेगी। ऊंटों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। इनके संरक्षण के लिए प्रयास किए जा सकेंगे।
जिले में 57 स्थानों पर हुई पशुगणना शुरू
जिले में पशुगणना शुरू हो गई है। प्रगणकों को आईडी और पासवर्ड मिल गए हैं। 31 जनवरी तक 50 प्रतिशत पशुगणना का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।