script‘मैं आपको डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार नहीं बना सकता’ | Joshi met public representatives and workers associated with Congress | Patrika News
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‘मैं आपको डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार नहीं बना सकता’

शाहीबाग में कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से मिले सीपी जोशी, कांग्रेस की पुरानी टीम ने ‘साहब’ के सामने खोला शिकायतों का पिटारा, तो विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को कह दी दो टूक बात

राजसमंदJul 08, 2021 / 11:33 am

jitendra paliwal

'मैं आपको डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार नहीं बना सकता'

‘मैं आपको डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार नहीं बना सकता’

खमनोर. विधानसभाध्यक्ष एवं नाथद्वारा विधायक डॉ. सीपी जोशी लंबे वक्त के बाद बुधवार को अपने गृहक्षेत्र की खमनोर पंचायत के शाहीबाग में जनप्रतिनिधियों और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। नेता और कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस की ‘पुरानी टीमÓ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने शिकायतों का पिटारा खोल दिया। वरिष्ठों ने खुद के हाशिए पर और ‘घरÓ में ही घुटन होने का दर्द बयां किया। 10 साल नाथद्वारा की राजनीति से दूर रहे सीपी जोशी की गैर मौजूदगी में कार्यकर्ताओं के कमजोर होने आज नींव हिल जाने तक बातें कही गई। कांग्रेस जिलाध्यक्ष को पार्टी के लिए दौड़-धूप करने का श्रेय तो दिया, मगर पार्टी में ही समानांतर टीम खड़ी करने के गंभीर आरोप लगा दिए। जिलाध्यक्ष स्वास्थ्य कारणों के चलते मौजूद नहीं थे। कांग्रेस के वरिष्ठों ने विकास के काम अपने नेता सीपी जोशी द्वारा कराने और वाहवाही विपक्षियों द्वारा लूटने की भी बात कही। नाराज कार्यकर्ताओं को सीपी जोशी ने जवाब में कहा कि मैं आप में से किसी को डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार तो नहीं बना सकता। उनका काम उनको करने दो। विधानसभाध्यक्ष ने इससे पूर्व गुंजोल, सायों का खेड़ा सहित पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया।
10 साल में कार्यकर्ता कमजोर हो गए
वरिष्ठ कार्यकर्ता मांगीलाल पालीवाल ने कहा, यह बताते हुए अच्छा नहीं लग रहा है। जो कार्यकर्ता 80 के दशक से साथ चल रहे थे और उत्साह से काम हो रहा था। 10 साल ‘साहबÓ गए उसके बाद कार्यकर्ता कमजोर पड़ गए। काका साहब बहुत दौड़े, मगर उनके दौडऩे में फर्क था। उन्होंने नई टीम चालू की, लेकिन पुरानों को साथ नहीं रखा। उन्होंने कहा कि घर में घुटन हो रही है। उन्होंने कहा कि टीम आए तो कहां-क्या जरूरत है सबको पूछकर, पता लगाकर किसी काम को करवाएं। क्यों कि काम करने के लिए सिर्फ एक साल बचा है। फिर चुनावी साल है। साहब काम खूब करा रहे हैं, लेकिन पब्लिक नहीं जुड़े और यदि हार हो जाए कार्यकर्ता जिम्मेदार होगा।
व्यक्तिगत काम करोड़ों के विकास पर भारी
सगरूण के पूर्व सरपंच तेजसिंह सोलंकी ने डॉ. सीपी जोशी के विकास कार्यों को गिनाते हुए कहा कि उनका व्यक्तिगत मत है कि भले ही करोड़ों रुपए के विकास के कार्य करवा दें, लेकिन यदि किसी का व्यक्तिगत कार्य नहीं होता है और वह निराश लौटता है तो वह चुनाव आने पर व्यक्तिगत कार्य के लिए लोग संपर्क करते हैं और यदि वह काम नहीं हो पाते हैं तो एक नाराजगी लाखों रुपए के काम पर पानी फेर देती है। जिस दिन किसी बंदे का व्यक्तिगत काम नहीं हुआ तो वह चुनाव के दिन कहेगा कि मैं फलां नेता के पास गया और छाती पीटकर वापस आया। उन्होंने इसके लिए ब्लॉक स्तर पर व्यवस्था बनाने की जरूरत बताई।
‘मुझसे करवाई सांसद की जयकारÓ
शिशोदा के पूर्व उपसरपंच श्यामलाल जोशी ने कहा कि उनकी पंचायत में 10-12 करोड़ के काम हुए हैं। सरपंच ने मुझे बात करा दी, मैं भोला रहा और कह दिया कि इन्हें नर्सरी दे दो। अब वो दीया कुमारी की जय बोल रहे हैं। सतलेवा स्कूल खोलने के लिए आपने कहा था और खुल भी गया। सरपंच कह रहे हैं कि दीया कुमारी ने हमारा काम कर दिया। पुरानी टीम में से किसी एक को खमनोर ग्रामीण का और एक को नाथद्वारा का काम सौंपने की गुजारिश की। मोलेला के पूर्व सरपंच सुधीर बोहरा ने कि काम हम कर रहे हैं, सामने वाले बता रहे हैं कि दीया कुमारी ने किया। उपप्रधान वैभवराजसिंह चौहान ने अगले विधानसभा चुनाव में अपने इलाके की पंचायतों से कांग्रेस को जिताने का संकल्प जताया। सेमा सरपंच संदीप श्रीमाली ने कहा कि हम नए हैं, राजनीति की कलाकारी नहीं जानते हैं कि कैसे की जाती है, इसलिए आप हमारा मार्गदर्शन करें।
…फिर सीपी ने लगाई सीनियर्स की क्लास
पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेताओं की बात सुनने के बाद डॉ. सीपी जोशी ने अपने ही अंदाज में सीनियरों की क्लास ले ली। उन्होंने अपनी टीम के पुराने नेताओं से कहा कि आप अपनी पंचायत के वार्डों से दो-दो 12वीं पास युवाओं के मोबाइल नंबर की सूची मेरे पास भेज दो। बाकि काम मैं कर दूंगा। उन्होंने पुराने सभी नेताओं का नाम लेकर कहा कि वे पहले उदाहरण बनें। खुद की पंचायत से यह शुरुआत करें और अगली मीटिंग में ऐसे कार्यकर्ताओं को लेकर आएं। उन्होंने कहा कि जमाना बदल गया है, मगर हम अपने आप को नहीं बदल रहे हैं। सीनियर कह रहे हैं कि एक आदमी को अधिकार दे दो, ये मैं कैसे कर सकता हूं। उन्होंने कहा- मैं तो आपको नया डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार नहीं बना सकता। ये सरकार के हैं और ये उनके काम है। उनको अपना काम करने दो। कोई तकलीफ हो तो मेरे नंबर पर बात करो। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टी के नेताओं से अपने मुद्दों पर आप सवाल करें। मैं विधायक तो कांग्रेस से चुना गया, मगर विधानसभा में जिम्मेदार पद पर हूं, जहां पद की मर्यादा है और मेरे लिए सभी बराबर हैं। मैं जिस जगह पर हूं, वहां पर मैं ये काम नहीं कर सकता। वो प्रचार करे तो आप भी करो, आपको रोक कौन रहा है। जितनी चीजें बदल रही है, उतना आपको बदलना जरूरी है। बदल रहे तरीकों को सीनियर लोग नहीं समझना चाह रहे हैं। उन्होंने कोरोना महामारी में चिकित्सा सुविधाओं की जरूरतों को समझने और उस पर काम करने का अनुभव बताया।

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