HSRP लगवाना अनिवार्य
परिवहन विभाग के अनुसार हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य है। पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नबर प्लेट (एचएसआरपी) लगवाने की पहले 30 जून निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है। जिले में 2019 से पहले अधिकांश दो-पहिया और चौपहिया वाहनों पर साधारण नबर प्लेट लगी हुई है। इसके कारण उनके चोरी होने पर ट्रेक करना मुश्किल हो जाता है। यह भी पढ़ें – Rajasthan Election : राजस्थान में 86 निकायों में चुनाव प्रक्रिया रोकी गई, कलक्टरों को जारी हुए निर्देश अप्रेल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों संग छेड़छाड़ आसान
राजस्थान सरकार की ओर से एक अप्रेल 2019 से पहले खरीदे वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बावजूद जिले में सैकड़ों की संख्या में वाहन चालक अपने वाहनों पर नबर प्लेट नहीं बदलवा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अप्रेल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना आसान था। उन्हें आसानी से हटाया और बदला जा सकता है।
परिवहन विभाग के पास नहीं है डाटा
परिवहन विभाग के पास डाटा उपलब्ध नहीं है कि अभी तक कितने दो पहिया, तिपहिया एवं चौपहिया वाहनों ने हाई सिक्योरिटी प्लेट लगवाई है। विभाग का तर्क है कि डीलर के माध्यम से प्लेट लगाई जा रही है, इसके कारण उनके पास ही डाटा मिल सकता है। इसके अलावा परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से पुरानी नबर प्लेटों को बदलवाने के लिए किसी प्रकार की समझाईश और जागरूक करने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है।
पकड़े जाने पर यातायात पुलिस लगाएगी चालान
प्रदेश में 31 जुलाई के पश्चात बिना एचएसआरपी लगवाए संचालित वाहनों पर एमवी एक्ट 1988 के अन्तर्गत निनानुसार जुर्माने का प्रावधान किया है। इसके तहत दो पहिया और तिपहिया वाहन पर पहली बार 2 हजार एवं दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार का चालान बनाया जाएगा। चौपहिया, यात्री वाहन और मालयान पर पहली बार में 5 हजार और दूसरी बार में 10 हजार का चालान बनाया जाएगा। डीलरों के पास मिलेगा HSRP का डाटा – डीटीओ राजसमंद
डीटीओ
राजसमंद डॉ. कल्पना शर्मा ने बताया कि राजसमंद जिले में अभी तक कितने वाहनों ने हाई सिक्योरिटी नबर प्लेट लगवाई है इसकी विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। प्लेट डीलर लगा रहे हैं। उनके पास ही डाटा मिल सकता है। उनसे डाटा मंगवाने का प्रयास करते हैं।
HSRP लगवाने की प्रक्रिया जानें
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए पोर्टल पर वाहन मालिक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन नंबर, चैसिस नंबर दर्ज करना होगा। प्लेट लगवाने के लिए डीलर और डेट बुक कर सकेंगे। ऑनलाइन फीस जमा करवाने पर बुकिंग कन्फर्म हो जाएगी। निर्धारित तिथि को डीलर के कार्यालय जाकर प्लेट लगवा सकेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से शुल्क भी निर्धारित किया हुआ है।