बैठक में अधिकारियों की अनुपस्थिति का मुद्दा
बैठक में पंचायत समिति के प्रधान अरविंद सिंह राठौड़, उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता, और विकास अधिकारी महेश गर्ग सहित अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बैठक की शुरुआत में पिछली बैठक के मुद्दों पर चर्चा हुई, और फिर जनहित से जुड़े सवाल उठाए गए। इन सवालों में सबसे प्रमुख मुद्दे बिजली, पानी और स्वास्थ्य से जुड़े थे। लेकिन देखने की बात यह रही कि सार्वजनिक निर्माण विभाग और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक में अनुपस्थिति ने सबको चौंका दिया। इस पर एसडीएम गुप्ता ने अगली बैठक में इन विभागों के अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए।
पशुपालन और वन विभाग के अधिकारियों का लापरवाह रवैया
बैठक में सरपंचों ने पैंथर द्वारा पशुओं की हत्या को लेकर पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग की। इस पर पशुपालन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट वन विभाग को सौंप दी जाती है। लेकिन जब वन विभाग के प्रतिनिधि से जानकारी ली गई, तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और यहां तक कहा कि उनके पास मुआवजे से संबंधित लंबित मामले नहीं हैं। उपखंड अधिकारी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह गंभीर विषय है और क्या एसीएफ को बैठक में नहीं आना चाहिए था?
पानी के टैंकरों का लंबित भुगतान
सरपंच लेहरीलाल दवे और अनिता पालीवाल ने बैठक में पानी के टैंकरों का लंबित भुगतान का मामला उठाया। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जवाब दिया कि बजट की कमी के कारण भुगतान नहीं हो सका। जनप्रतिनिधियों ने इस पर तत्काल भुगतान की मांग की।
कुआं निर्माण कार्य में ठेकेदार की लापरवाही
बैठक में डाबला, करेड़ा और खेतों की भागल में पेयजल कुएं के निर्माण कार्य की प्रगति पर भी सवाल उठाए गए। विभाग ने बताया कि इस कार्य में लगे सरिये चोरी हो गए थे, जिसके बाद ठेकेदार ने कार्य को रोक दिया। ठेकेदार को कार्य शुरू करने का निर्देश देने के बाद विभाग ने शीघ्र ही काम पूरा करने का आश्वासन दिया।
ग्राम सेवक पर धमकी देने का आरोप
स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मुद्दे में उप स्वास्थ्य केन्द्र घाटी की मरम्मत की मांग उठाई गई। ग्राम सेवक सुशील दशोरा ने बताया कि स्वीकृति जारी हो चुकी है और ठेकेदार काम करेगा। लेकिन पंचायत समिति सदस्य विजय गुर्जर ने ग्राम सेवक पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी सुनते नहीं हैं और उनका रवैया ठीक नहीं है। प्रधान राठौड़ ने इस पर कहा कि अगर स्वीकृति निकल चुकी है तो यह ग्राम सेवक की जिम्मेदारी है और इसे गंभीरता से लेकर काम पूरा किया जाए।