कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण
अटल भू-जल योजना के तहत भू-जल स्तर को पुनः बढ़ाने के लिए रिचार्ज शॉफ्ट का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना के पहले चरण में 18 स्थानों पर इन शॉफ्ट्स का निर्माण किया जाएगा। अभी तक नौ स्थानों पर खुदाई और अन्य कार्य पूरे हो चुके हैं। इन स्थानों पर खुदाई के बाद चेम्बर और फिल्टर सिस्टम लगाए जाएंगे, ताकि बारिश का पानी जमीन के भीतर समा सके और आसपास के क्षेत्रों में भू-जल स्तर में वृद्धि हो सके।
भू-जल विभाग की जानकारी
भू-जल विभाग के अनुसार, जिले में हर साल औसतन 800 एमएम बारिश होती है, लेकिन गर्मी बढ़ने के साथ यह बारिश वाष्पीकरण के कारण उड़ जाती है। इस स्थिति में पानी का बचाव और जल स्तर में सुधार लाने के लिए रिचार्ज शॉफ्ट का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से वाष्पीकरण की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी और पानी की बचत होगी। रिचार्ज शॉफ्ट के लाभ
- भूमिगत जल का भंडारण पर्यावरण के अनुकूल होता है।
- जल वाष्पीकरण और प्रदूषण को कम करता है।
- यह बाढ़ के खतरे को कम करता है और जल स्तर में वृद्धि करता है।
- सूखा और अपरदन के खतरे को भी कम करता है।
साइट्स और प्रगति
रिचार्ज शॉफ्ट बनाने के लिए जिले के विभिन्न स्थानों का चयन किया गया है। जिन स्थानों पर पहले से काम चल रहा है, उनमें पीपरड़ा पंचायत के डुमलाई तालाब, देवपुरिया, मॉडल मोटा तालाब, बागपुरा तलाई, तथा कुंवारिया हाईवे के पास स्थित नाड़ी अमृत सरोवर शामिल हैं। इसके अलावा, कई अन्य स्थानों पर कार्य जारी है।
प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग
इस योजना के सफल होने के बाद, जिले में भू-जल स्तर में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो न केवल जल संकट को दूर करेगा, बल्कि कृषि और जल प्रबंधन में भी सुधार करेगा। जिला नोडल अधिकारी संदीप जैन के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य जिले में जल की बचत और भू-जल स्तर को बनाए रखना है। इस परियोजना की सफलता के बाद, जिले के अन्य स्थानों पर भी रिचार्ज शॉफ्ट का निर्माण किया जाएगा। इससे ना केवल जल स्तर में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यावरण को भी एक बड़ा लाभ मिलेगा।