युवती ने 30 दिसंबर को एक बजे नाथद्वारा हाईवे पर स्थित त्रिनेत्र सर्किल पर मिलने बुलाया। वहां वह महिला मेरी गाडी बैठ गई। मुझे बातों में उलझाया। इसी दौरान चार व्यक्ति गाडी के पास आए व उस औरत को अपनी पत्नी बता कर मेरे व महिला के वीडियो बनाकर मुझे धमकाया। मेरी गाड़ी में बैठकर मादडी पुलिया पर लेकर गए। जहां वीडियो व फोटो मेरे परिजनों को भेजने व सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी और 5 लाख रुपएस की मांग की।
रुपए नहीं होने पर पांचों आरोपी कांकरोली छोडकर कार लूटकर ले गए। वे बार- बार फोन से रुपयों की मांग करते रहे। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थानाधिकारी हनवन्त सिंह सोढा पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की। टीम ने आरोपियों की तलाश शुरू की। आरोपियों ने पीड़ित को पांच लाख रूपए के साथ पीपरडा से आगे नाथद्वारा की तरफ से आने वाली फोरलाइन की सर्विस लाईन स्थित होटल भाग्योदय के पास सुनसान जगह बुलाया।
वह रात करीब 10.30 वहां पहुंचा। रात करीब 11 बजे एक कार में दो व्यक्ति व एक व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए। रैकी में संतोष होने पर आरोपियों ने रूपए की मांग की। पीड़ित ने बातों में उलझाकर उसे पांच हजार और बाकी का चैक से भुगतान करने की कही। इसी बीच पीड़ित ने मौका देख पुलिस को इशारा किया।
जिस पर टीम ने आरोपियों को घेरकर तीनों को पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम संजु उर्फ सोनू वैष्णव निवासी देवगांव थाना कांकरोली, योगेश उर्फ राजेश गुर्जर निवासी देवगांव थाना कांकरोली और कमलेश वैष्णव निवासी छापरी थाना गंगापुर जिला भीलवाडा बताया।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 5 हजार रुपए नकद व 4,95000 रूपये का चैक व कार बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में सामेन आया कि आरोपियों द्वारा सुनीता उर्फ शालिनी लखारा निवासी उदयपुर व गिरोह के अन्य सदस्य अबालाल निवासी नेगडिया जिला भीलवाडा के साथ मिलकर हनी ट्रैप योजना करना बताया।
गिरोह का मुख्य सरगना जन्नतबानु निवासी जलचक्की कांकरोली का होना बताया। गिरोह ने कांकरोली व आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले सोने-चांदी के व्यापारी, धनवान व्यक्तियों को हनी ट्रैप करने की ओर वारदातें भी कबूल की है। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना की गई है। पुलिस टीम में थानाधिकारी के अलावा सहायक उपनिरीक्षक छोगालाल, हैड कांस्टेबल शक्तिसिंह, जगदीशचन्द्र, पूरणसिंह, महेन्द्रसिंह, उमा, कांस्टेबल सुरेश कुमार, नरेन्द्र, दुर्गेश और विक्रमसिंह शामिल थे।