एक दिन पशु चिकित्सक एके माटेकर अपने गृह निवास छुईखदान से वापस अपने कार्यस्थल गाँव गिदर्री आ रहे थे तभी उमरवाही मोड़ से कुछ दूरी पर स्थित तेंदूपेड़ के पास एक लड़की ने उनकी मोटरसाइकिल को रूकवायी और गिदर्री जाने की बात कही। एके माटेकर ने उन्हें अपनी मोटरसाइकिल में बिठा लिया उसके बाद उस लड़की ने गाड़ी में बैठे बैठे माटेकर से बात करने लगी। इस बीच पशु चिकित्सक एके माटेकर भी पूरी तरह से उनकी बातों में आ गए, फिर लड़की ने उनसे शादी करने की बात कही तो पशु चिकित्सक माटेेकर ने तुरंत हां कर दी फिर उस लड़की ने उसी इमली पेड़ के पास गाड़ी रूकवाकर वहां से मोंगरा का हार और गजरा निकाली और दोनों ने एक दूसरे को पहनाया फिर लड़की ने उन्हें अपने घर ले जाने की बात कही, माटेकर भी उन्हे अपने घर गिदर्री ले आया उसे घर अंदर चलने की बात कही। इस बीच माटेकर की पत्नि हतप्रभ हो देखती रही ये किससे बात कर रहे है? इसी बीच गिदर्री के ग्रामीणों को भी बुलाया गया। माटेकर के गले में मोंगरा का हार और कलाईयों में गजरा बंधा था, फिर माटेकर ने बताया कि वो तालाब के राजमहल में जा रहा है और रात्रि दो बजे के आसपास वो तालाब में कूद गए, तब पूरे गिदर्री के ग्रामीणों ने रात में तालाब में घुसकर पशु चिकित्सक माटेकर की जान बचायी थी फिर तांत्रिक क्रिया के माध्यम से माटेकर को शांत कराया गया तब से पुन: उनके साथ वहाँ इस तरह की कोई घटना नहीं घटी। पर इस मार्ग के राहगीरों ने कई बार उसके वहाँ रहने की पुष्टि की है। विदित हो कि पशु चिकित्सक एक केे माटेकर वर्तमान में डोंगरगांव विकासखंड के आश्रित ग्राम दीवानभेड़ी में पदस्थ हैं। बहरहाल अब तो इमली का पेड़ इस तूफान के साथ ही इस अनहोनी कहानी का भी अंत हो जाता है।
पूर्व सरपंच, रामसाय उके ने कहा कि पशु चिकित्सक एक के माटेकर के साथ घटी घटना एकदम सही थी। समस्त ग्रामीणों के सहयोग से ही उन्हें उस प्रेतात्मा से बचाया गया था। यह पूरा क्षेत्र इस घटना से वाकिफ है।