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Bastar Dussehra 2023 : विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पाट-जात्रा के साथ शुरू, 107 दिनों का होगा पर्व, जानिए महत्व ग्राम चांदों का विशिष्ट धार्मिक एवं शैक्षिक इतिहास है। ग्राम चांदो के मालगुजार एवं किसान प्रतुल कुमार वैष्णव ने बताया कि शिवनाथ नदी के तट पर ग्राम चांदो की स्थापना लगभग 250 साल पहले उनके पूर्वज दाऊ बंशीदास वैष्णव के द्वारा डोंगरी में स्थित प्रसिद्ध लोक देवता चांदीपाठ के नाम पर की गई थी। रियासत काल में यह क्षेत्र राजनांदगांव स्टेट के अंतर्गत आता था। यहां के कृष्णभक्त वैष्णव मालगुजार राजा महंत बलराम दास के रक्त संबंधी थे।
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Hareli 2023 : गेड़ी पर चढ़कर सरपट चले मुख्यमंत्री , देखें हरेली पर्व के उत्साह और उमंग की फोटो यह गांव रकबे में काफी बड़ा है और तत्कालीन समय से शिक्षा के क्षेत्र में यह गांव अग्रणी रहा है। प्रतुल ने बताया कि उनके दादा स्व. दाऊ मदनमोहन दास वैष्णव ब्रिटिश काल में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक थे। दादा के अन्य भाई भी उच्च शिक्षित थे और उन्होंने गांव के लोगों को भी शिक्षा के लिए प्रेरित किया।