कलेक्टर ने स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया एवं जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता तथा अन्य अधिकारियों से इस संबंध में आवश्यक जानकारी ली। इस क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से ग्राम बरनालाकला से 6 किमी दूरी पर स्थित लोढ़ा नाला पर बांध बनाकर व्यर्थ बह रहे पानी को नहर-नाली के माध्यम से पनियाजोब जलाशय में पहुंचाने की मांग की जा रही है।
इसके अलावा कलेक्टर मौर्य ने डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम बरनालाकला एवं छुरिया विकासखंड के सुदूर वनांचल के ग्राम खोभा में पहुंचकर जमीनी स्तर पर शासकीय योजनाओं की क्रियान्वयन की पड़ताल की। कलेक्टर ने ब्लॉक मुख्यालय एवं वहां के गांवों का दौरा कर सरकारी मिशनरी को यह अहसास करा दिया कि उनकी पैनी नजर पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों एवं अंतिम छोर के गांव पर भी रहेगी।
मौर्य ने ग्रामीणों की मांग पर ग्राम बरनालाकला में नरेगा से खाद गोदाम निर्माण कराने की स्वीकृति भी दी। इस दौरान एसडीएम डोंगरगढ़ प्रेमप्रकाश शर्मा, नवाज खान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी छुरिया नवीन भगत, तहसीलदार शिव कंवर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। इसके अलावा उन्होंने सभी पात्र लोगों को वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत करने एवं वनाधिकार पत्र दिलाने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर ने ग्राम पंचायत मुख्यालय बरनालाकला में जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की बैठक लेकर शासकीय योजनाओं की क्रियान्वयन की स्थिति एवं ग्रामीणों की मांगों एवं समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर पात्र हितग्राहियों का राशन कार्ड बनाने, सामाजिक पेंशन योजना से लाभान्वित होने के लिए शेष रह गए पात्र लोगों के अलावा वनाधिकार पत्र के शेष प्रकरणों की समीक्षा की। उपस्थित पंचायत सचिव एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों से प्रकरणों के लंबित होने का कारण भी पूछा।
कलेक्टर मौर्य ने डोंगरगढ़ के समीपस्थ ग्राम बछेराभाठा पहुंचकर ग्राम पंचायत मुख्यालय में उपस्थित ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी मांगों एवं समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा बछेराभाठा जलाशय की मरमत की मांग किए जाने पर जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी को जांच कर शीघ्र प्राक्कलन प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।