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राजनंदगांव

राउंड पर नहीं थे डॉक्टर, दवाइयों की कमी पर सफाई देते रहे कलेक्टर को डीन, ऐसा है मेडिकल कॉलेज का हाल

मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्थाओं की जमीन हकीकत देखने के लिए शुक्रवार को कलक्टर भीमसिंह ने औचक निरीक्षण किया।

राजनंदगांवAug 26, 2017 / 11:39 am

Dakshi Sahu

helath
राजनांदगांव. मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्थाओं की जमीन हकीकत देखने के लिए शुक्रवार को कलक्टर भीमसिंह ने औचक निरीक्षण किया। हर वार्ड में दस्तक देकर मरीजों और उनके परिजनों से सीधे मुखातिब हुए तो पता चला कि दवाइयों की कमी है। महिला मेडिकल वार्ड में तो सुबह से डॉक्टरों का राउंड नहीं हुआ था। इस पर कलक्टर खासे नाराज हुए।
कलक्टर ने टॉयलेट को भी चेक किया। गंदगी देखकर प्रबंधन को फटकार लगाई। काउंटर में खड़े होकर कलक्टर ने पूछा कि कौन-कौन सी दवाइयां नहीं हैं? कई जरूरी दवाइयों की कमी सामने आई। इस दौरान कमियों को लेकर डीन डॉ. आरके सिंह सफाई देते रहे। मरीजों को हो रही परेशानी और व्याप्त अव्यवस्था को लेकर लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं। इसलिए कलक्टर भीमसिंह सुबह सवा ११ बजे अचानक अस्पताल पहुंचे।
कलक्टर ने आने का कारण पूछा
निरीक्षण के बाद सीटी स्कैन बंद पाए जाने पर जल्द सुधार कराने कहा। अस्पताल में दिव्यांगों की भीड़ देखकर कलक्टर ने आने का कारण पूछा। पता चला कि चेकअप के लिए आए हैं पर डॉक्टरों को इसकी खबर नहीं थी। ऑपरेशन थियेटर के बाहर जमीन पर बैठे मरीजों के परिजनों की भीड़ देखकर हैरानी जताई और बैठक के लिए कुर्सियां लगाने के निर्देश दिए। महिला सर्जिकल वार्ड के बाद सीधे पोस्टमार्टम कक्ष पहुंचे। यहां गंदगी देखकर नाराज हुए।
ऑपरेशन नहीं हो रहा
परिसर में मृत व्यक्तियों के कपड़े का ढेर देखने को मिला। इसे रोज हटवाने कहा। परिजनों के लिए बनाए गए प्रतीक्षालय का शेड उखड़ चुका है। इसे तीन दिनों के भीतर नया लगाया जाएगा। जचकी वार्ड में कोकपुर से पहुंची महिला ने कलक्टर को बताया कि उसकी बहन जचकी के लिए भर्ती हुई है। ब्लड नहीं चढऩे के कारण ऑपरेशन नहीं हो रहा है। कलक्टर ने तत्काल व्यवस्था करने कहा। हालांकि इस बीच महिला के पति ने ही ब्लड की व्यवस्था कर ली थी। सुरक्षित प्रसव भी हो गया। प्रबंधन ने ब्लड की व्यवस्था नहीं की।
मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि यहां सोनोग्राफी के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है। दो से तीन दिन बाद रिपोर्ट मिलती है। इस पर कलक्टर ने एक और मशीन उपलब्ध कराने की बात कही। डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने की शिकायत भी मिली। रात को अस्पताल के भीतर वाहनों को खड़े कर देने की बात सामने आई। वार्डों का जायजा लेने के बाद कलक्टर ने अधीक्षक के कक्ष में डॉक्टरों की बैठक ली। इस दौरान प्रभारी अधीक्षक डॉ. आरके सकलेचा ने दवाइयों की कमी पर पर्चेस कलर्क को जिम्मेदार ठहराया।
बंद है सीटी स्कैन मशीन
इस पर डीन ने सफाई देते हुए कहा कि कलर्क के पास काम ज्यादा होने की वजह से दिक्कत होती है। कलक्टर ने सभी समस्याओं का जल्द निराकरण करने निर्देश दिए। सीटी स्कैन मशीन बंद होने की सूचना पर कलक्टर ने निर्धारित शासकीय दरों के बारे में अस्पताल अधीक्षक से पूछा। सीटी स्कैन मशीन के ठीक होने तक निर्धारित शासकीय दरों पर बाहर से मरीजों का सीटी स्कैन कराने की व्यवस्था के निर्देश दिए।

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