अब तक हर महीने इन बच्चों को 16 हजार रुपए के तीन टीके लगते हैं। इनके पिता छुरिया निवासी निर्मलकर ने कलेक्टर भीम सिंह को अपनी व्यथा बताई। पीडि़त बच्चों के पिता ने बताया कि दोनों बच्चों को हीमोफिलिया की समस्या है। निर्मलकर ने बताया कि यह समस्या राजनांदगांव जिले में मात्र इन्हीं बच्चों को है और पूरे प्रदेश में 41 लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
कलेक्टर को आवेदन देते हुए निर्मलकर ने बताया कि बड़े बेटे के पैर में चोट लगने के बाद उसका आपरेशन हुआ था और प्लेट निकलवाने सीएमसी वेल्लोर जाना है, लेकिन इनके इलाज में पहले भी काफी खर्च हो जाने की वजह से वेल्लोर जाना, यहां पैंतालीस दिन तक रहना काफी कठिन है। पूर्व में संजीवनी प्रकरण से इसका आपरेशन किया गया है।
मक्काटोला तथा बैगाटोला के ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर ने गांव में स्टाप डैम बनवाने के निर्देश दिए। छुईखदान विकासखंड के ग्राम बुढ़ानभाठ के ग्रामीणों ने कलेक्टर से गांव के बांध की मरम्मत करने संबंधी आवेदन दिया। उन्होंने कहा कि बांध 1986 में बना था, इसमें अगर मरम्मत का कार्य किया जाए तो काफी संख्या में कृषकों को लाभ मिल सकता है।
युवाओं ने मुद्रा लोन के लिए भी आवेदन दिये। कलक्टर ने लीड बैंक मैनेजर को सभी प्रकरणों में शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस संबंध में सीएमएचओ को निर्देशित करते हुए कहा कि दोनों बच्चों को वेल्लोर ले जाने की तथा साथ ही वहां प्लेट निकालने के दौरान आने वाले मेडिकल खर्च की व्यवस्था संबंधित प्रस्ताव भेजें ताकि बच्चों को शीघ्रताशीघ्र वेल्लोर भेजा जा सके। उन्होंने निर्मलकर को कहा कि समस्या के स्थायी निदान के लिए इलाज के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
जनदर्शन में सिंचाई विभाग, छुईखदान के स्थल सहायक अवधराम चंदेल ने आवेदन दिया कि सेवानिवृत्त होने के तीन महीने बाद भी उनकी सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली राशि नहीं मिल पाई है। कलेक्टर ने इस संबंध में कार्रवाई कर शीघ्रताशीघ्र राहत दिलाने के निर्देश दिए।