दरअसल राजनंदगांव जिले के डोंगरगांव कोविड सेंटर में उपचार के दौरान तीन कोरोना संक्रमितों की बुधवार को मौत हो गई। मरीजों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इनके शवों के अंतिम संस्कार लिए शववाहन से मुक्तिधाम तक ले जाना था। मुक्तांजलि वाहन नहीं मिलने पर शवों को नगर पंचायत के कचरा उठानेे वाले वाहन से श्मशान तक ले जाया गया। यह मामला सामने आने के बाद प्रशासन की घोर निंदा की जा रही है। वहीं मामले में जवाब मांगने पर अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे है।
राजनांदगांव सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि शवों को मुक्तिधाम ले जाने की जिम्मेदारी नगर पंचायत की है। बीएमओ से बात करने पर पता चला कि क्षेत्र के सभी शव वाहनों को कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित दुर्ग जिले में भेजा गया है। मुक्तांजलि शव वाहन एक साथ दुर्ग और राजनांदगांव जिले में काम कर रहे हैं। ऐसे में शव वाहन उपलब्ध नहीं होने पर कचरा गाड़ी को मजबूरी में पूरी तरह से साफ करके पहले सैनिटाइज किया गया है। उसके बाद ही लाशों को श्मशान ले जाया गया।