सुबह से देर शाम तक भीड़ लगी रही। 2 अप्रैल तक 31 अभ्यर्थियों ने नामांकन पत्र लिया था। इस हिसाब से राजनांदगांव लोकसभा सीट से 241 नामांकन पत्र लिए गए हैं। फार्म की स्क्रूटनी और नाम वापसी तक अगर इतने ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरते हैं तो निर्वाचन आयोग को बूथों में ईवीएम की संख्या बढ़ानी पड़ जाएगी।
एक ही दिन में 210 फार्म लिए जाने पर इसे कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से किए गए आह्वान का असर माना जा रहा है। बघेल ने पाटन की एक सभा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि लोकसभा सीट पर अगर 384 प्रत्याशी उतरते हैं तो ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर पर मतदान हो सकता है। बघेल के इस बयान के बाद अन्य सीटों पर तो इतनी बड़ी संख्या में फार्म नहीं लिए गए हैं पर राजनांदगांव सीट पर चुनाव लडऩे के लिए सैकड़ों की संख्या में फार्म लेने से निर्वाचन आयोग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। निर्वाचन शाखा के अनुसार 4 अप्रैल को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 5 अप्रैल से शुरू होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 8 अप्रैल निर्धारित की गई है।
एक ही दिन में बड़ी संख्या में फार्म लेने वालों में कांग्रेस के कार्यकर्ता ही शामिल हैं। 3 अप्रैल को अंतिम दिन फार्म लिया गया। इन्हें जमा करने के लिए बैंक खाता खुलवाना है। नोटरी के माध्यम से शपथ पत्र में चल-अचल संपत्ति के साथ ही आय का ब्योरा देना है। फार्म लेने वालों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। फार्म के साथ ही निर्धारित जमानत राशि 25 हजार रुपए भी जमा करना है। माना जा रहा है कि दस्तावेजों की कमी और निर्धारित राशि जमा करने की वजह से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पीछे हट जाएंगे।
राजनांदगांव के कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि बड़ी संख्या में नामांकन पत्र लिए गए हैं। 4 अप्रैल को जमा करने की अंतिम तिथि है। स्क्रूटनी और नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की संख्या स्पष्ट होगी। मतदान को लेकर आयोग से मार्गदर्शन लिया जाएगा।