एफआईआर दर्ज होते ही कांग्रेस के लोग जनपद अध्यक्ष के पक्ष में लामबंद हो गए। देखते ही देखते मामला राजनैतिक रंग पकड़ लिया। पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में पुलिस उच्चाधिकारियों से मिले और जनपद अध्यक्ष को फर्जी तरीके से फंसाये जाने का आरोप लगाया।
नेताओं का आरोप था कि मंडी सचिव द्वारा जनपद अध्यक्ष पर दर्ज कराया गया मामला झूठा है। यदि मंडी सचिव के पास अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने योग्य कोई सबूत हो तो प्रस्तुत करें। कांग्रेस के लोग अध्यक्ष के खिलाफ मामला खत्म करने की मांग करने लगे।
उधर, जनपद अध्यक्ष के पक्ष में एक कर्मचारी ने मंडी सचिव के खिलाफ ही एससी/एसटी के तहत केस दर्ज करा दिया। खिलचीपुर में सचिव होतम सिंह के खिलाफ केस दर्ज होते ही भाजपा के कई लोग सचिव के पक्ष में खड़े दिखे। ये लोग सचिव के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खत्म करने की हिमायत करने लगे। लेकिन सत्ताधारी दल के नेताओ की एक न चली और सचिव की गिरफ्तारी तक हो गई।
इसके बाद जिले में राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई। राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते खिलचीपुर थानाध्यक्ष वीरेंद्र धाकड़ को हटा दिया गया। अब एक बार फिर राजनीतिक प्रभाव के चलते मंडी सचिव होतम सिंह का तबादला भी हो गया। सचिव को अशोकनगर भेजा गया है।
आदेश आते ही खिलचीपुर एसडीएम ने मंडी सचिव को कार्यमुक्त भी कर दिया। हालांकि, तबादला को निरस्त कराने की मांग भाजपा के कुछ लोग कर रहे और निरस्तीकरण के लिए सिफारिश में लग गए हैं। उधर, कांग्रेस खुश है कि उनका विरोध रंग लाया।