Read this also: मालिक न करें फिर आना पड़े…दो पैसा कम कमाएंगे लेकिन लौटेंगे नहीं इन मजदूरों की हालत बिगड़ने के बाद चिकित्सीय मदद पहुंचाने वाले मेडिकल स्टॉफ को भी आइसोलेट कर दिया गया है। उधर, पूरे ऐतिहात के साथ मृतक मजदूर का अंतिम संस्कार राजगढ़ में ही कर दिया गया है।
दरअसल, हर रोज सैकड़ों-हजारों की संख्या में मजदूर अपने गांव की ओर लौट रहे हैं। राजगढ़ से गुजरने वाली हाईवे पकड़ लोग पैदल जा रहे। गुरुवार रात उदनखेड़ी के पास मल्हारगंज जा रहे संतराम की मौत हो गई। मजदूर की मौत के बाद चिकित्सको की टीम पहुंची, एम्बुलेन्स से मजदूर को अस्पताल लाया गया था। इस मजदूर के साथ उसके साथी प्रह्लाद को भी लाया गया।
संतराम की मौत के बाद उसकी कोरोना जांच सैम्पल भेजा गया। इसके अलावा उसके साथी का भी सैम्पल भेजा गया। भोपाल से जांच रिपोर्ट में दोनों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। कोरोना की पुष्टि के बाद संतराम का अंतिम संस्कार राजगढ़ में ही कराया गया।
Read this also: गर्भवती के कोरोना पाॅजिटिव होने के बाद पूरा गांव सील, आधा दर्जन दुकानों पर भी जाने की पुष्टि गौरतलब है कि महाराष्ट्र से आ रहे मजदूरों में तीन मजदूरों की मौत राजगढ़ सीमा में हो चुकी है। तीनों के शवों को अस्पताल में रखा गया है, इसमें संतराम की रिपोर्ट आने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अन्य दो मृतकों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। उनके शव राजगढ़ के पोस्टमार्टम हाउस में रखे हैं।
सभी कर्मी हुए आइसोलेट स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान जोखिम के डालकर सेवा दे रहे हैं। गुरुवार को मृतक संतराम को एम्बुलेंस से पहुंचाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को आइसोलेट कर दिया गया है। ये लोग संतराम को एंबुलेंस से उदनखेड़ी से पचोर और वहां से राजगढ़ लाये थे।
इन मजदूरों को भर्ती कराते समय एंबुलेंस स्टॉफ के पास पीपीई किट तक नहीं थी।
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