बता दें कि, राजगढ़ जिला अस्पताल में बीते कई दिनों से प्रसूताओं का सीजर ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। आलम ये है कि, यहां कभी एनेस्थीसिया डॉक्टर की वजह से प्रसूता की डिलीवरी नहीं हो पाती तो कभी कोई और कारण सिजेरियन डिलिवरी में रोड़ा बन जाता है। ऐसे में जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इस बार बीते 3 दिनों से जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर का गेट लॉक हो गया है, जिसके चलते अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं का सीजेरियन नहीं पा रहा है। ऐसा नहीं है कि, जिला अस्पताल में सिर्फ एक ही ऑपरेशन थिएटर है, बल्कि इसके अलावा दो और ऑपरेशन थिएटर यहां मौजूद हैं। लेकिन, उनमें इन्फेक्शन फैला होने के कारण वहां भी डिलीवरी हो पाना संभव नहीं है।
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आनन फानन में परिजन को भागना पड़ा निजी अस्पताल
शनिवार को भी जिले के जीरापुर में रहने वाली एक प्रसूता को राजगढ़ जिला अस्पताल रेफर किया गया था। यहां उसे घंटों तक डिलीवरी कराने का आश्वासन तो दिया गया, लेकिन कुल मिलाकर उसका भी प्रसव अस्पताल में नहीं हो सका। प्रसूता के परिजन से कहा गया कि, ऑपरेशन थिएटर का गेट लॉक है, देर में खुल जाएगा तो कभी कहा गया कि, एनेस्थीसिया डॉक्टर आने वाला है, तब ऑपरेशन हो सकेगा। आकिरकार लंबे इंतेजार के बावजूद ऑपरेशन थिएटर का गेट तो नहीं खुल सका पर प्रसूता के शरीर में इंफेक्शन फैलने से उसकी हालत जरूर बिगड़ गई, जिसके चलते परिजन को अस्पताल से कहीं ओर रेफर करने की बात कहनी पड़ी। आनन फानन में अस्पताल ने भी उसे रेफर कर दिया। ऐसे में घंटों परेशान होने के बाद प्रसूता के परिजन को डिलीवरी के लिए उसे निजी अस्पताल ले जाना पड़ा। गनीमत रही कि, इस दौरान प्रसूता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
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