दहेज की करता था मांग
पत्नी ने बताया कि उनका निकाह सितंबर 2015 में शाहबाश बैग से हुआ था। विवाह के कुछ समय तक आरोपियों ने उन्हें अच्छा रखा। उसके दो बेटियां हैं। बाद में आए दिन दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगा। रिपोर्ट में बताया कि जनवरी 2022 में अभियुक्तगण ने दहेज की मांग करते हुए परिवादिया को उनकी दोनों बच्चियों समेत घर से निकाल दिया, तब से वह पीहर में रह रही हैं। बाद में पति कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कुवैत चला गया। मोबाइल पर भेजा तलाक
पत्नी जब थाने में शिकायत दर्ज करने पहुंची तो पता चला कि आरोपी पति कुवैत में है, जिसने मोबाइल से तीन तलाक दिया। पीड़िता ने बताया कि आरोपी पति ने उन्हें नोटिस भेजे थे। लेकिन उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया। बाद में महिला थाना पुलिस ने जब पति से बात की तो उन्होंने मोबाइल पर भेजे। रिपोर्ट में यह भी बताया कि रिपोर्ट पर पुलिस ने पति समेत 6 जनों के खिलाफ मारपीट, दहेज प्रताड़ना के अलावा मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) अधिनियम, 2019 की धारा 2 व 3 के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ये है प्रावधान…
मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) अधिनियम, 2019 की धारा 3 के तहत तलाक को अवैध माना गया है। कोई मुस्लिम पति धारा 3 तीन में संदर्भित तलाक अपनी उद्घोषणा करता है तो अवैध मानकर 3 वर्ष का कारावास से दंडित होगा और जुर्माने का भी प्रावधान है।