आपको बता दें कि, मामला उस समय का है, जब किसानों द्वारा किसी मामले की शिकायत तहसीलदार के समक्ष रखने पहुंचे। इसपर तहसीलदार द्वारा उनकी समस्या का निराकरण करने के बजाय दावा करते हुए कह डाला कि, ‘पूरे देश में रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है, इसे हम बंद नहीं कर सकते।’
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वायरल हुआ तहसीलदार का ये वीडियो
आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के उदयपुरा के तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह के पास आसपास के किसान शिकायत लेकर पहुंचे थे। किसानों ने तहसीलदार से कहा कि, आपके कार्यालय में बगैर लेनदेन कोई काम नहीं होता। आपके बाबू खुलेआम रिश्वत की लूट मचाए हुए हैं। यानी बिना लेनदेन कोई भी काम नहीं हो रहा। इसपर तहसीलदार ने जवाब दिया कि, ये तो पूरे देश में चल रहा है। हम इसे बंद नहीं कर सकते। तुम्हारा लड़का बाबू बनेगा, पटवारी बनेगा तो वो भी यही करेगा.., मानसिकता बनी हुई है.., लोग देते हैं.., किसान पैसा देता है.., अब तुमने हमारा मन कमजोर कर दिया, तुमने हमारी शिकायत कर दी.., हम तुम्हारी ‘पिछाड़ी’ क्यों जाएं ? अच्छा मुझे क्या पड़ी है कि, धूप में खड़ा होऊंगा। मेहनत भी करनी पड़ेगी…।’
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क्या कोई कार्रवाई होगी ?
तहसीलदार साहब ने किसानों को दिए अपने लेक्चर से ये तो साबित कर दिया कि, उनके दफ्तर में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्हें इस बात का भी अंदाजा है कि, दफ्तर में कार्यरत कौन – कौन रिश्वतखोरी के बिना काम नहीं करता। दफ्तर में धड़ल्ले से चल रही रिश्वतखोरी के बारे में जिम्मेदार जानते तो हैं, पर मौन रहकर लोगों की जेब पर डाका डलते देखते रहते हैं। फिलहाल, वीडियो तहसील कार्यालय के सिस्टम की पोल खोल रहा है, लेकिन अब देखने योग्य बात तो ये होगी कि, सरकार की ओर से तहसीलदार साहब और दफ्तर में रिश्वतखोरी का जाल बुन्ने के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होती भी है या नहीं ?