Read this also: कैसे उगते हैं पेड़ पर काजू …जानने के लिए मध्य प्रदेश में आइए रायसेन में बनाए गए कोविड केयर सेंटर (Covid care centre) में सीमित संसाधनों के बाद भी मरीज कोरोना से मुक्त हो रहे हैं। मरीजों के इलाज के लिए जरूरी दवाएं और सुरक्षा साधन तो उपलब्ध हैं, लेकिन वेंटिलेटर नहीं है। इसकी जरूरत पडने पर मरीज को भोपाल रेफर किया जाता है। ऐसे 05 मरीजों को भोपाल रेफर किया जा चुका है। यदि यहां वेंटिलेटर की सुविधा होती तो मरीजों को भोपाल रेफर करने की भी जरूरत नहीं पड़ती।
डॉक्टरों की मेहनत से मिल रही सफलता कोविड केयर यूनिट (Covid care unit) में तैनात चार डॉक्टरों के अलावा सहयोगी स्टॉफ की मेहनत और लगन से चार दिन पहले ही एक साथ 12 मरीजों को इस सेंटर से ठीक कर डिस्चार्ज किया गया। उसके बाद दो मरीजों को फिर डिस्चार्ज किया गया। विपरीत समय में डॉक्टरों की मेहनत एक बड़ी मजबूती बनकर उभरी है। कमजोरी की बात करें तो यहां रहने वाले मरीजों की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में मरीज के मन मेें निराशा का भाव पैदा होता है, जिसे डॉक्टर समझाकर खुश रखने का प्रयास करते हैं।
Read this also: अजब है एमपी…डीआईजी के बेटे का खाना बनाने जाता था आरक्षक, कोरोना से खुला राज दो दो शिफ्टों में काम कर रहे डाॅक्टर-पैरामेडिकल स्टाॅफ कोविड केयर सेंटर में चार डॉक्टर पदस्थ हैं। इनमें इंचार्ज के रूप में सामान्य रोग विशेषज्ञ डाॅ. गोविंद मीना, मेडिकल विशेषज्ञ डाॅ. एमएल अहिरवार, डाॅ. नितिन तोमर तथा आयुर्वेद विशेषज्ञ डाॅ. शरद चैधरी दो शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे हैं। जबकि छह स्टॉफ नर्स, तीन सफाईकर्मी, चार गार्ड, दो वार्ड बॉय भी नियुक्त किए गए हैं, ये सभी दो-दो शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे हैं।
मरीज का हौसला ही सफलता का मंत्र यूनिट प्रभारी डाॅ. गोविंद मीना का कहना है कि हमारे पास आने वाले मरीजों का हौसला बढ़ाना हमारा सबसे पहला काम होता है। मरीज डरे नहीं और उसमें इस बीमारी को जीतने का हौसला बना रहे, इसका प्रयास किया जाता है। समय पर उनको पूरी डाइट देना और हमेशा खुश बनाए रखना ही इलाज का पहला मंत्र है। इसके अलावा जो दवाएं हैं, उनको समय पर देते रहना है। मरीज की सेहत पर लगातार नजर रखना जरूरी होता है। इन सब के साथ हमे अच्छी सफलता मिल रही है।
Read this also: डीआईजी के इंदौर में पढ़ रहे बेटे का खाना बनाने आता था आरक्षक, कोरोना पॉजिटिव निकला तो तीन जिलों में हड़कंप सेनेटाइजेशन पर विशेष जोर कोविड केयर सेंटर में हर दिन सेनिटाइजेशन किया जाता है। ताकि डॉक्टरों या अन्य ड्यूटी स्टाफ के आवागमन से कोई खतरा न बढ़े। नए मरीज आने पर तुरंत पूरे भवन को सेनिटाइज किया जाता है।
इंफेक्टेड कपड़ों को अस्पताल में ही किया जा रहा है सुरक्षित कोविड केयर यूनिट से जो मरीज अच्छे होकर घर चले गए हैं, उनके कपड़े उन्हे नहीं दिए गए हैं। उनके कपड़ो के साथ बिस्तर के कपड़े आइसोक्लोराइड के घोल में डाले जाते हैं। इन कपड़ों को फेका भी नहीं जा रहा है, ताकि कोई अन्य व्यक्ति उपयोग न कर सके।
मरीज को स्वस्थ रखने में डाइट का रखा जा रहा विशेष ध्यान डाइट चार्ट के मुताबिक मरीजों को दोनो टाइम दाल, चावल, रोटी और एक सब्जी दी जाती है। लेकिन मरीजों की अपनी अलग डिमांड भी रहती है, जो बाजार नहीं खुलने के कारण पूरी नहीं की जा सकती है। सेंटर से डिस्चार्ज होकर घर पहुंचे मरीज उमर खान, यामीन खान ने बताया कि डॉक्टर बहुत मेहनत कर रहे हैं। उनका अच्छा बोलचाल और सहयोग मरीज को ठीक होने में मदद कर रहा है, लेकिन वहां खाना हमेशा एक जैसा दिया जाता है। जिससे मन ऊब जाता है।
फैक्ट फाइल
कोविड केयर में अभी तक रहेः 41 मरीज
एम्स के लिए रेफर हुएः 05 मरीज
ठीक होकर डिस्चार्ज हुएः 13 मरीज
अभी भरती हैं कुलः 33 मरीज
जिले में अभी तक पॉजीटिवः 64
संक्रमण से मौतः 03
कुल ठीक हुएः 24