चौदह वर्ष बीते अधूरा फीडर सेपरेशन
रायसेन सर्किल के तीनों डिवीजन में घरेलू और कृषि के लिए बनाए अलग-अलग 3१० फीडर।49 फीडर अभी तक सेपरेट नहीं हो सके ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही।अब 90 करोड़ खर्च कर केंद्र की योजना से होगा काम।दूरस्थ अंचल के गांवों सहित नगरीय क्षेत्रों में लचर बिजली सप्लाई व्यवस्था।मुख्यालय स्थित बिजली सब स्टेशन।
चौदह वर्ष बीते अधूरा फीडर सेपरेशन
रायसेन. वर्ष २००८ के विधानसभा चुनाव के पहले गांव और खेत की बिजली अलग-अलग करने का वादा भाजपा सरकार ने किया था। जिसमें तीन वर्ष के भीतर फीडर सेपरेट कर गांव और खेत की बिजली सप्लाई व्यवस्था अलग की जाना थी। इससे जहां रहवासी क्षेत्र में २४ घंटे बिजली सप्लाई मिल सकेगी तो वहीं खेती में सिंचाई के लिए दस घंटे सप्लाई देने की योजना बनाई है। लेकिन रायसेन जिले में यह कार्य लगभग १४ वर्ष बीतने के बाद भी पूरा नहीं हो सका। जिले के बरेली, औबेुदल्लागंज और रायसेन डिवीजन में ४९ फीडरों पर कार्य पूरा नहीं हो पाया।
जिससे दूरस्थ अंचल सहित आदिवासी बाहुल्य विकासखंड सिलवानी के कुछ गांवों सहित नगरीय क्षेत्रों में आज भी बिजली की आंख मिचौली का सिलसिला चल रहा है। तो ग्रामीण क्षेत्रों में चार-पांच घंटे बिजली सप्लाई गुल रहती है। फीडर सेपरेशन पूरा नहीं होने से गर्मी के दिनों में यह व्यवस्था और भी ज्यादा बिगड़ जाती है। घरेलू और कृषि फीडर एक साथ होने से वोल्टेज भी पूरा नहीं मिल पाता।
बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कंपनी के तीनों संभागों में ३१० फीडर सेपरेशन किए जाने हैं। जिसमें से अब तक २६१ फीडर ही पूरी तरह से अलग-अलग हो सके। लगभग १८० करोड़ रुपए से फीडर सेपरेशन की योजना पर काम होना था। इसके अलावा वर्ष २०१० में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में जिले को शामिल कर ६३ करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। उक्त योजना में भी फीडर सेपरेशन का काम होना था। फिर दीनदयाल ज्योति योजना भी इसमें जोड़ दी गई। मगर इन योजनाओं का काम पूरा नहीं हो सका।
अब ९० करोड़ से होगा कार्य
बिजली कंपनी के अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि उक्त कार्य को केन्द्र सरकार की आरआरआरडीएस योजना के तहत कराया जाएगा। इसके लिए सर्वे कर प्रारंभिक तौर पर लगभग ९० करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि इस कार्य को शुरु होने में ही अभी एक वर्ष का समय लग सकता है।
रायसेन डिवीजन में ये है स्थिति
बिजली कंपनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार रायसेन डिवीजन में १३७ फीडरों को सेपरेट कर अलग-अलग किया जाना था। इसमें कृषि के ५७ फीडर, घरेलू २९ और १५ अन्य फीडरों पर काम पूरा हुआ है। जबकि ३७ फीडर अभी अधूरी स्थिति में हैं। रायसेन डिवीजन में ३८८ गांवों को फीडर सेपरेशन का लाभ मिलना है। बताया जा रहा है कि २९ घरेलू फीडरों के लिए ५०० किमी लंबी लाइन और कृषि के ५७ फीडर के लिए ९०० किमी लंबी लाइन डाली गई है।
बरेली संभाग में सात फीडर अधूरे
इस क्षेत्र में ११९ फीडर सेपरेट किए जाने थे, जिसमें से सात फीडर अभी सेपरेशन नहीं हो सके। जानकारी के अनुसार कृषि के ६४ फीडर, घरेलू ३५ और राजीव गांधी विद्युतीकरण के तीन, एक फीडर आईपीडीएस और १६ फीडर दीन दयाल ज्योति योजना के शामिल किए गए हैं।
औबेदुल्लागंज डिवीजन में ये स्थिति
राजधानी के समीप लगे औबेदुल्लागंज डिवीजन में ५४ फीडर सेपरेशन होने थे। इसमें से ४८ फीडरों पर काम हो सका और छह फीडर अधूरी स्थिति में हैं। २७ फीडर कृषि, १६ घरेलू सहित दीनदयाल ज्योति और राजीव गांधी योजना के फीडर शामिल किए गए हैं।
देरी होने का ये भी है कारण
शुरुआती दौर में फीडर सेपरेशन कार्य के लिए तीन कंपनियों को ठेका मिला था। लेकिन धीमी रफ्तार से काम करने के चलते ऐरा और जीटी कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया गया था। इस कारण करीब दो से ढाई वर्ष तक काम प्रभावित होता रहा। दोबारा टेंडर होने के बाद वर्ष २०१७ में इस कार्य को पूरा किया जाना था, लेकिन नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि ठेका कंपनियों ने नए काम जुडऩे के कारण कार्य पूरा नहीं किया।
इनका कहना
फीडर सेपरेशन कार्य पूरा नहीं हो पाया, जिले के तीनों डिवीजनों में ४९ फीडर सेपरेट होना बाकी है। इसके लिए फिर से डीपीआर तैयार की गई है। लगभग ९० करोड़ रुपए से केन्द्र सरकार की आरआरआरडीएस योजना में कार्य होना है।
एसके गुप्ता, महाप्रबंधक बिजली कंपनी सर्किल रायसेन।
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