मोवा इलाके के एक डॉक्टर को भी इसी तरीके से साइबर ठगों ने ठग लिया। उनसे 1 लाख रुपए से अधिक की ठगी हो गई। मामले की शिकायत के बाद मोवा पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। इससे पहले एक साफ्टवेयर इंजीनियर और आयकर विभाग की महिला इंस्पेक्टर को भी साइबर ठगों ने यूट्यूब में वीडियो लाइक और सब्सक्राइब करने का पार्टटाइम जॉब देने का झांसा दिया। इसके बाद मर्चेंट टास्क देकर लाखों रुपए की ठगी कर ली थी।
जितनी रकम जमा करोगे, उतना ज्यादा मिलेगा साइबर ठगों ने डॉक्टर को एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ लिया था। वहां से उन्हें मर्चेंट टास्क देना शुरू कर दिया। इसमें जितना पैसा जमा करोगो, उससे ज्यादा रकम मिलता है। डॉक्टर को पहले मर्चेंट टास्क 2000 रुपए का दिया गया। इसके बदले में उसे 2600 रुपए वापस मिला। 3000 रुपए का 3900 और 10000 रुपए का 13000 रुपए उसे वापस मिला। इसके बाद 24 जून को डॉक्टर ने 7000, 30000,70000, 30000 सहित कुल 1 लाख 37 हजार रुपए जमा किए।
इसके बदले उन्हें 1 लाख 80 हजार रुपए मिलना था। डॉक्टर को उतनी राशि वापस नहीं मिली। काफी दिन होने के बाद भी राशि नहीं मिली, तो उन्होंने कॉल किया। दूसरी ओर से उन्हें 2 लाख रुपए और जमा करने के लिए कहा गया। इससे डॉक्टर को ऑनलाइन ठगी होने का शक हुआ। उन्होंने मोवा थाने में शिकायत की। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
ऐसे हुई ठगी पुलिस के मुताबिक डॉक्टर विवेक मित्तल के पास 23 जून को अज्ञात व्यक्ति ने वॉट्सऐप मिस्डकॉल किया। डॉक्टर ने मैसेज करके कॉल करने वाले के बारे में पूछा। उसने खुद को सहारा और मीडिया मिस्टर बताया और डॉक्टर को ऑनलाइन पार्टटाइम जॉब का ऑफर दिया। इसके लिए डॉक्टर सहमत हो गए। उन्हें 150 रुपए का पहला टॉस्क गूगल रिव्यू में 5 स्टार देने के लिए कहा गया। डॉक्टर ने गूगल रिव्यू में 5 स्टार दे दिया। इसके एवज में उन्हें 150 रुपए दिया गया।
इस रकम को लेने के लिए डॉक्टर को एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। इसके अलावा एक टॉस्क कोड देते हुए कंपनी के रिसेप्सनिस्ट से बात करने के लिए एक दूसरा नंबर दिया। उस नंबर पर कॉल करके डॉक्टर ने अपने बारे में पूरी जानकारी दे दी। कुछ देर बाद डॉक्टर को 150 रुपए ऑनलाइन प्राप्त हुए। इससे डॉक्टर को भरोसा हो गया। ठगों ने उन्हें 20 और टास्क दिए। इसे पूरा करने पर हर टास्क का 30 रुपए देने का आश्वासन दिया गया।