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रायपुर

यूक्रेन मामला: बारूद के ढेर पर बीमारी का खौफ, जानिए…भारतीय छात्र किन-किन समस्याओं के बीच रह रहे

बॉर्डर के शिविर में छात्रों की तबीयत हो रही खराब, दूतावास की सक्रियता बढऩे के बाद खाना व शिविर की हुई व्यवस्था

रायपुरMar 02, 2022 / 01:23 am

Nikesh Kumar Dewangan

यूक्रेन मामला: बारूद के ढेर पर बीमारी का खौफ, जानिए...भारतीय छात्र किन-किन समस्याओं के बीच रह रहे

यूक्रेन मामला: बारूद के ढेर पर बीमारी का खौफ, जानिए…भारतीय छात्र किन-किन समस्याओं के बीच रह रहे

रायपुर. यूक्रेन-रूस के युद्ध के बीच भारतीय छात्रों के संघर्ष का सिलसिला जारी है। बंकर में छिपकर मिसाइल और गोलियों से अपने आप को सुरक्षित करने वाले भारतीय छात्रों को बॉर्डर तक पहुंचने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। छात्र ट्रेन के सहारे और पैदल चलकर बॉर्डर पहुंच रहे है। रोमानिया की ठंड और भूख-प्यास छात्रों को बीमार कर रही है।
रोमानिया बॉर्डर पर बने शिविर में भारत के हजारों छात्र रुके हुए हैं। शिविर में कुछ छात्रों को सर्दी-खांसी और बुखार का लक्षण होने की वजह से बीमारी फैलने का डर सता रहा है। छात्र दूतावास से खाना और पानी के अलावा अब दवा की गुहार लगा रहे हैं। छात्रों की मदद कर रही नाचा संस्था से भी छात्रों ने दवा का इंतजाम करवाने की अपील की है।
सरकार ने रूस-यूक्रेन से मांगा सुरक्षित रास्ता

छात्रों की जानकारी भारतीय दूतावास को उपलब्ध कराने वाले नोडल के अनुसार सरकार ने रूस और यूक्रेन दोनों के राजदूतों को बुलाया है। उनसे कीव, खारकीव सहित सभी संघर्ष क्षेत्रों से भारतीयों की निकासी के लिए सेफ पैसेज की मांग की गई है। इस मामले में राजनयिक स्तर पर प्रयास जारी है। अगर दोनों देश तैयार होते हैं तभी भारत सरकार वहां व्यापक बचाव अभियान चला सकती है।
माइनस डिग्री में संघर्ष कर रही दल्लीराजहरा की बेटी

यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही दल्ली राजहरा की बेटी श्रेष्ठा नायरा पांच दिन पहले पोलैंड बॉर्डर पहुंच गई थी। बॉर्डर पहुंचने के बाद अब तक उसे फ्लाइट नहीं मिली है। छत्तीसगढ़ आने के लिए 26 फरवरी को नोडल गणेश मिश्र से उन्होंने संपर्क किया था और अपना हाल बताया था। तीन दिन के संघर्ष के बाद श्रेष्ठा को पोलैंड बॉर्डर से एंट्री मिली। अभी वारसा एयरपोर्ट में माइनस डिग्री तापमान पर संघर्ष कर रही है।
कैंप में फ्लाइट का इंतजार कर रहा शिवम

विन्नित्सिया शहर स्थिति यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाला अंबिकापुर का शिवम सिंह रोमानिया बॉर्डर के कैंप में 27 फरवरी को पहुंच गया था। 27 फरवरी से वो फ्लाइट का इंतजार कर रहा है, लेकिन रजिस्ट्रेशन के हिसाब से अब तक उसका नंबर नहीं आया है। शिवम बुखारेस्ट के एक कैंप में पड़े हुए हैं। उनको फ्लाइट कब मिलेगी यह नहीं पता।
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों की वापसी के लिए विदेश मंत्री को लिखा पत्र

रू स और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य के कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उन्हें सकुशल भारत वापस लाने के लिए राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर को पत्र लिखा है।
राज्यपाल ने पत्र के माध्यम से विदेश मंत्री को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ के जगदलपुर निवासी शेर सिंह तोमर ने अपने पुत्र और पुत्री की सकुशल भारत वापसी के लिए निवेदन किया है। तोमर की पुत्री दीप्ती एवं निहाल तोमर यूक्रेन के कीव में अध्ययनरत है। इसी प्रकार नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन (नाचा) के गणेश कर ने भी यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ राज्य के 110 छात्रों के संपर्क सूची संलग्न कर वापसी के लिए निवेदन किया है।
भारतीय छात्र के निधन पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया शोक

यूक्रेन में रूसी हमले में एक भारतीय छात्र की मृत्यु पर राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है और सभी भारतीय नागरिकों के सकुशल घर वापसी की कामना की है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा, इस पीड़ा में पूरा देश छात्र के परिवारजनों के साथ है। ईश्वर उनके माता-पिता, उनके चाहने वालों को इस कठिन समय को सहने की शक्ति दें। मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार से पूरा देश इस समय यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के प्रयासों में तेजी लाने की अपील कर रहा है।

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