स्मार्ट सिटी कंपनी में हलचल तेज करोड़ों रुपए के सौंदर्यीकरण पर पलीता लगने पर स्मार्ट सिटी के गलियारे में अफसरों के बीच हलचल तेज है। सूत्रों के अनुसार ऐसे कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम देने का खेल किया गया। नतीजा, पहली बरसात में न पाथ-वे और न गार्डन का पेवर ब्लॉक झेल पाया। घटिया निर्माण में निगम के बड़े पदों पर बैठे जिम्मेदारों के दबाव की सुगबुगाहट तेज हुई है।
दो बड़े इंजीनियरों ने दिया था अंजाम रायपुर स्मार्ट सिटी कंपनी का सबसे अधिक फंड बूढ़ातालाब में खर्च करने का प्लान बनाया गया। क्योंकि सौंदर्यीकरण का कैसा भी काम हो जाने पर कुछ ही महीनों में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के हवाले करना है। इसलिए करोड़ों रुपए के अलग-अलग स्टीमेट पर मुहर लगी। बूढ़ातालाब में सप्रे शाला की तरफ गार्डन, तालाब के बीचों बीच फ्लोटिंग डक, लाइटिंग जैसे काम 29 करोड़ में और पाथ-वे का निर्माण 12 करोड़ के करीब कराया गया। वह अब टूट रहा है। ये सभी काम स्मार्ट सिटी कंपनी में सबसे बड़े तकनीकी पद पर कार्यपालन और अधीक्षण अभियंता राकेश गुप्ता (सिविल मैनेजर) और राजेश राठौर (डिप्टी सिविल मैनेजर) की देखरेख में हुए हैं। इनमें से सिविल मैनेजर राकेश गुप्ता 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए हैं।
स्मार्ट सिटी कंपनी की तकनीकी टीम ने निरीक्षण किया है। उस जगह को स्टॉपर से घेर दिया गया है। गार्डन का हिस्सा जिस जगह पर धसक रहा है, वहां पानी का जमाव होता है, जिसका जल्द मरम्मत कराया जाएगा।
– आशीष मिश्रा, जनसंपर्क अधिकारी, स्मार्ट सिटी कंपनी