Chhattisgarh Crime News: भाभी को घर में अकेला देख डोल गई देवर की नियत, रिस्तो को तार- तार कर खेल गया आबरू से… रिलायंस ने टेंडर लिया भी तो काम शुरू करते ही हाथ खड़े कर दिए और शासन ने उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया। वर्तमान में इस योजना का टेंडर रेलीगेयर कंपनी के पास है। इस कंपनी को शासन प्रति कार्ड पहले से अधिक 1100 रुपए का प्रीमियम दे रही है। इस कंपनी का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म हो जाएगा। टेंडर की अवधि समाप्तर होने के लिए मात्र ढाई महीने शेष बचे हैं और आगे योजना चलेगी या नहीं इस निर्णय अभी संशय की स्थिति में है।
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना एक इंश्योंरेंस मॉडल योजना है। शासन हर साल इस योजना के लिए निविदा जारी करती है। निविदा में जो बीमा कंपनी सबसे कम रेट डालती है उसे इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी दी जाती है। यह योजना शुरूआती दौर में तो ठीक चली थी, लेकिन बाद में अस्पताल संचालकों द्वारा गलत तरीके से क्लेम लेने के चलते बीमा कंपनियां घाटे में चली गईं और इससे दूर भागने लगीं।
अगर बंद हो जाए कार्ड तो करें ये काम
अगर स्मार्ट कार्ड बंद हो जाए तो घबराने की बात नहीं है, उसे सरकारी अस्पताल के स्मार्ट कार्ड विभाग में जाकर आयुष्मान कार्ड में बदल सकते हैं। यह सुविधा प्राइवेट अस्पताल में भी उपलब्ध है। आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक का हेल्थ इंश्योंरेंस केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है सितम्बर 2019 से प्रदेश सरकार नए स्वास्थ्य स्किम लागू करने वाली है