सिंहदेव ने फिक्की द्वारा आयोजित सेमिनार में कहा कि इससे होने वाली समस्याएं एवं उनकी चुनौतियां से कैसे बेहतर ढंग से निपटा जा सकता है, स्वीकार्य उपाय क्या हो इन्हें सामने लाया जाना चाहिए। कर अधिवक्ता भीष्म आहलूवालिया ने कहा कि इसमें इज ऑफ डूइंग बिजनेस को ध्यान में रखकर जो-जो सुधार कार्य करने हैं उसका हम ब्योरा देंगे, जिससे इस कार्य को करने के लिए या जीएसटी के साथ चलने के लिए जो आसान तरीके को अपनाया जा सके।
उरला इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग सहित उरला इंडस्ट्री के विभिन्न उद्योग संगठनों ने अपनी सहभागिता दी। उद्यमियों ने जहां वस्तु एवं सेवा कर के लाभ गिनाए,वहीं इसमें आने वाली चुनौतियों को बताते हुए अपनी अपनी बातें रखीं। सेमिनार में छत्तीसगढ़ के वस्तु एवं सेवाकर के प्रमिख अयुक्त बी.बी. महापात्रा, राज्य जीएसटी के. रमेश शर्मा ने अपने विचारों से उद्योगपतियों को अवगत कराया।
फिक्की छत्तीसगढ़ चैप्टर के चेयरमैन प्रदीप टंडन ने कहा कि इस तरह की वार्तालाप एवं चर्चा से किसी एक आईडियोलॉजी को जो व्यापारियों के लिए लाभप्रद हो उसका मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होने मंत्री सिंहदेव, जीएसटी के आला अधिकारियों एवं उद्यमियों के प्रति आभार व्यक्त किया।