5 साल से सीख रहा था संगीत
सचेत टंडन ने अपनी जर्नी शेयर करते हुए कहा कि हमारे घर में संगीत का कोई माहौल नहीं था। मैं और दीदी गाते थे। हमने एक साथ गुरु से सीखा। अपना बैंड बनाया। स्कूल में म्यूजिक पढ़ाया। रास्ते खुद ब खुद बनते जाते हैं। मैंने रियलिटी शो में बहुत पार्टिसिपेट किया है। सच कहूं तो मैं तंग आ गया था। मुझे लगता था इतना करने के बाद भी कोई एक्सपोजर नहीं मिला। जबकि मेरे पैरेंट्स और दीदी हमेशा मेरा मनोबल बढ़ाया करते थे। जब परंपरा से मैं मिला तो मेरी जिंदगी का आखिरी रियलिटी शो था। क्योंकि मैंने ठान लिया था कि अब लौटना है।एनजीओ में सिखाती थी म्यूजिक
परंपरा ठाकुर ने बताया, हमें बचपन से ही संगीत की शिक्षा दी गई। हालांकि ये तय नहीं था कि करना क्या है, लेकिन सीखना सभी के लिए जरूरी था। मैंने एक एनजीओ में म्यूजिक पढ़ाया। इसके अलावा मेरी रुचि पढ़ाई में बहुत थी। मैंने दिल्ली के श्रीराम लेडी कॉलेज से पढ़ाई की है। वहां भी म्यूजिक का अच्छा इन्वॉलमेंट था। रियलिटी शो द वॉइस में सचेत से मुलाकात हुई। उस वक्त जरा भी अंदाजा नहीं था कि हम साथ काम करेंगे और इतनी फिल्मों में म्यूजिक भी देंगे।नहीं कर पाऊंगी एक्टिंग
एक्टिंग के सवाल पर परंपरा ने कहा कि मैं बहुत बुरी एक्टर हूं। इसलिए मैंने इसके लिए कभी नहीं सोचा। म्यूजिक ही कर लें, ये बड़ी बात है। परंपरा की बात काटते हुए सचेत ने कहा कि फिल्म के लिए इसे ऑफर मिला है लेकिन ये बार-बार मना कर रही है।डायरेक्टर के साथ कॉम्बिनेशन जरूरी
बेखयाली के हिट होने के सवाल पर सचेत कहते हैं, आजकल के जमाने में आप डायरेक्टर के साथ लगकर काम करो, जैसा मुझे लगता है पहले जमाने में लोग करते थे। यानी एक बेहतर समन्वय के साथ। हमने वही किया। शर्त है कि आप फिल्म से चिपककर गाने बनाओगे। ऐसा ही बेख्याली… जो कि बड़ा हिट हो गया। आप जब भी इस फिल्म को याद करेंगे तो यह सॉन्ग आपकी जुबान पर जरूर आएगा।