Ayushman Bharat Yojana: फ्री इलाज का पेमेंट नहीं होने से अस्पतालों की मुसीबतें बढ़ी, 1500 करोड़ रुपए का पेमेंट पेंडिंग
Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद को लेकर आईएमए एक तरह से दो फाड़ हो गया है। कुछ इलाज बंद करने के पक्ष में दिखते हैं तो कुछ इसके विरोध में है।
Ayushman Bharat Yojana: छत्तीसगढ़ के रायपुर समेत प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों के आयुष्मान भारत योजना शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत करीब 1500 करोड़ का पेमेंट नहीं होने से सरकारी व निजी अस्पतालों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। तगड़ा पेमेंट नहीं होने से आईएमए का एक गुट योजना के तहत इलाज बंद करने के पक्ष में है।
वहीं दूसरा गुट पेमेंट का इंतजार करने को तरजीह दे रहा है। हाल में आईएमए का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल से मिलकर पेमेंट की मांग की थी।
Ayushman Bharat Yojana: इलाज बंद करने आईएमए में दो फाड़
आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद को लेकर आईएमए एक तरह से दो फाड़ हो गया है। कुछ इलाज बंद करने के पक्ष में दिखते हैं तो कुछ इसके विरोध में है। रायपुर व नवा रायपुर आईएमए के पदाधिकारियों में ऐसा देखने मिल रहा है। 1500 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं होने से न केवल निजी, बल्कि सरकारी अस्पतालों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। 15 दिनों पहले अस्पतालों को कुछ पेमेंट मिला था, लेकिन इलाज के एवज में इस पेमेंट को डॉक्टर ऊंट के मुंह में जीरा बता रहे हैं। पिछले साल सरकार बदलने के बाद आईएमए भी पेमेंट को लेकर सक्रिय हुआ है।
1500 करोड़ रुपए का पेमेंट पेंडिंग
बताया जाता है कि पिछली सरकार के समय का बैकलॉग पेमेंट इतना है कि पेमेंट में परेशानी आ रही है। बिलासपुर में कुछ अस्पताल मरीजों का योजना के तहत इलाज करने से हाथ खड़े कर रहे हैं। आईएमए के प्रदेशाध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की है। दरअसल निजी अस्पताल पेमेंट की आस में मरीजों का कैशलेस इलाज कर रहे हैं। राजधानी में भी कुछ अस्पताल पेमेंट नहीं आने का हवाला देकर कुछ मरीजों को लौटाने लगे हैं। हालांकि इसकी पुष्टि अस्पताल प्रबंधन इसलिए नहीं करता।
प्रदेशाध्यक्ष आईएमए डॉ. विनोद तिवारी ने कहा की आंबेडकर अस्पताल का करीब 100 करोड़ के आसपास व डीकेएस का भी 50 करोड़ के आसपास पेमेंट पेंडिंग है। वहीं कुछ बड़े निजी अस्पतालों का 10 से 20 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं हुआ है। लंबे समय से पेमेंट नहीं होने से अस्पतालों की कमर टूट गई है। यही स्थिति रही तो आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद करने पर मजबूर होंगे। सरकार को भुगतान नियमित करने पर जोर देना चाहिए। बैकलॉग पेमेंट पर भी ध्यान दें।
पेमेंट नहीं होने से अस्पतालों को परेशानी तो हो ही रही है, अंतत
दिक्कतें मरीजों की भी बढ़ रही हैं। पेमेंट नहीं होने से मरीजोें का कैशलेस इलाज बंद होने से समस्या बढ़ेगी। ऐसे में मरीजों को या तो सरकारी अस्पताल जाना पड़ेगा या निजी में कैश देकर इलाज कराना पड़ेगा। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत जरूरतमंद मरीजों को होगी। वे इतने सक्षम नहीं होते कि पैसे देकर इलाज कर सकें। छोटी व बड़ी बीमारियों के लिए आयुष्मान कार्ड सभी के लिए संजीवनी की तरह है।
अध्यक्ष अस्पताल बोर्ड के डॉ. अनिल जैन ने कहा की रायपुर हाल में स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात में पेमेंट का आश्वासन दिया गया था। पेमेंट नहीं होने पर हम धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे। कई लोग योजना से इलाज बंद करने की बात कह रहे हैं, लेकिन इसमें एक राय नहीं बन पा रही है। पेमेंट जल्द हो।
Hindi News / Raipur / Ayushman Bharat Yojana: फ्री इलाज का पेमेंट नहीं होने से अस्पतालों की मुसीबतें बढ़ी, 1500 करोड़ रुपए का पेमेंट पेंडिंग