वहीं यदि राशन दुकान संचालक बारदाना नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। सोमवार को दुकान संचालकों की बैठक लेकर खाद्य नियंत्रक अनुराग भदौरिया ने एक सप्ताह में अप्रैल से दिए गए बारदाना जमाकरने का निर्देश दिया है। बतादें कि राशन दुकानों से तकरीबन 14 लाख बारदाना लिया जाना है।
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इसमें से अब तक लगभग 6 लाख बारदाना ही मिला है। बाकी 8 लाख बारदाना और लेंगे वहीं उन्होंने राइस मिलों से भी बारदाना लिए जाने की बात कही। उनका कहना है कि एफसीआई से भी बारदाना हमें मिलेगा। उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि राशन दुकान संचालक बाहर बिल्कुल भी बारदाना न बेचे। इन सबका उपयोग धान खरीदी में किया जाएगा।
15 रुपए में खरीद रही सरकार
राज्य सरकार ने बारदाना दो रुपए ज्यादा में खरीदने का आदेश जारी किया था। पीडीएस के चावल की सप्लाई और समर्थन मूल्य से खरीदी की जाने वाले धान की पैकिंग पुराने बारदाने में की जाती है। इसके लिए शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान के बारदाने को खरीदा जाएगा। बारदाना इस सत्र में 15 रुपए में खरीदा जा रहा है। इससे पहले 12 रुपए में खरीदा जा रहा था।
इसलिए सरकार को राशन देने में आनाकानी
जब से शासकीय राशन दुकानों से 15 रुपए में बारदाना खरीदने का निर्देश शासन ने दिया हैं, तब से संचालकों ने विरोध शुरू कर दिया है। संचालकों का कहना है कि शासन कम रेट पर खरीदी कर मुनाफा कमाना चाहता है। जबकि ओपन मार्केट में यही बारदाना 20 रुपए तक बिकता है।
सभी राशन दुकान संचालकों को एक सप्ताह का समय दिया गया था। जो राशन दुकान संचालकों द्वारा बारदान नहीं जमा करेगा उनके दुकान निलंबन की कार्रवाही की जाएगी।
-अनुराग भदौरिया, कंट्रोलर, खाद्य विभाग
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