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रायपुर

शातिर दोस्त ने ऐसे निभाई दोस्ती, मौत के बाद हथिया ली जमीन और पैसा

कमल बिहार प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण में एक दोस्त ने फर्जी आईडी बनाकर दोस्त के प्लॉट का 85 लाख रुपए का मुआवजा हड़प लिया। दोनों साथ में प्रॉपर्टी कारोबार करते थे।

रायपुरOct 08, 2016 / 09:03 pm

deepak dilliwar

kamal vihar

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रायपुर. कमल बिहार प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण में एक दोस्त ने फर्जी आईडी बनाकर दोस्त के प्लॉट का 85 लाख रुपए का मुआवजा हड़प लिया। दोनों साथ में प्रॉपर्टी कारोबार करते थे। मामले की जांच गोलबजार पुलिस जांच कर रही है। जानकारी अनुसार, बैजनाथपारा निवासी रीना जैन की देवपुरी स्थित 0.607 हेक्टेयर जमीन आरडीए ने अधिग्रहण की थी। इसके एवज में आरडीए ने रीना को 85 लाख का मुआवजा तय किया था। जमीन रीना के पति संतोष जैन ने खरीदी थी। हालांकि उन्होंने परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी थी।

2009 में संतोष की मृत्यु के बाद 2011 में जमीन अधिग्रहण की गई तो इसकी जानकारी उनके पार्टनर बैजनाथ पारा निवासी कालू शर्मा को दी गई थी। फिर शर्मा ने अपनी पत्नी अंजू शर्मा की फर्जी आईडी रीना जैन के नाम से बनाकर जमीन का मुआवजा ले लिया। रीना को 2015 में कमल विहार में उनकी जमीन होने की जानकारी लगी। तब उन्होंनें आरडीए में मुआवजे के लिए आवेदन किया। इस पर अधिकारियों ने उन्हें मुआवजा राशि पहले ही दिए जाने की जानकारी दी। वहीं मामला उजागर होने के बाद कालू शर्मा फरार बताया जा रहा है।

मुआवजे में मिले प्लॉट का पता नहीं
अब परिजन कमल बिहार प्रोजेक्ट में अधिग्रहित जमीन के एवज में मुआवजे के रूप में मिले 35 फीसदी विकसित प्लाट की भी तलाश कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में न तो आरडीए जानकारी दे रहा, न ही उसकी खरीदी-बिक्री की कहीं कोई जानकारी मिली रही है।

फर्जी पैन कार्ड और वोटर आईडी बनाई
जब रीना जैन ने आरडीए से मुआवजा निकालने के लिए पेश दस्तावेजों की मांग की तो पता चला पति के बिजनेस पार्टनर ने कालू शर्मा ने ही पत्नी अंजु के नाम की फर्जी पैनकार्ड, वोटर आईडी तैयार की और इसी आधार पर फर्जीवाड़ा किया।

एेसे हुई जानकारी
कमल बिहार प्रोजेक्ट के लिए जब रायपुर विकास प्राधिकरण ने उनकी जमीन का अधिग्रहण किया तो परिजनों को जानकारी नहीं थी। उन्हें जानकारी 2015 में हुई। इसके बाद उन्होनें 17 जनवरी 2015 को आरटीआई के माध्यम से आरडीए से इसकी जानकारी मांगी।

गोलबाजार थाना टीआई संदीप चंद्राकर ने बताया कि मामले की जांच की जा चुकी है, आरोपी फरार है। गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है। मुख्बिर लगाए गए हैं, जैसे ही जानकारी मिलेगी गिरफ्तारी की जाएगी।

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