यह इसलिए क्योंकि स्टूडेंट्स के साथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी में होने वाले रैगिंग की शिकायत अब हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से किया जा सकेगा। शिकायत के बाद मिनट टू मिनट केस के संबंध में जानकारी मिलती रहेगी। इसके अतिरिक्त छात्रों और पालकों को जागरूक करने के लिए ऑनलाइन शपथ रजिस्टर्ड किए जाएंगे।
अगर किसी छात्र की रैगिंग होती है तो वे तत्काल एक हेल्पलाइन नंबर की सहायता से उन बच्चों को सबक सिखा सकते हैं। इस हेल्पलाइन नंबर पर कोई भी स्टूडेंट्स रैगिंग होने पर शिकायत दर्ज कर सकते है। रैगिंग की शिकायत के बाद कॉलेज व संबंधित यूर्निवसिटी से जानकारी मांगी जाएगी। इसके बाद संबंधित पुलिस थाने में ईमेल के माध्यम से पूरी जानकारी भेजी जाएगी। कुछ समय के बाद केस रजिस्टर्ड करने से लेकर पूरी जानकारी ऑनलाइन मांगी जाएगी। फिर एक-एक मिनट में पूरे केस की मॉनीटरिंग की जाएगी। मॉनीटरिंग की डिटेल भी तुरंत ही ऑनलाइन मोड़ में की जाएगी, ताकि शिकायत करने वाले छात्र और पैरेट्स केस के बारे में अपडेट रहे।
इस एप के जरिए भी कर सकते हैं रैगिंग की शिकायत
सबसे पहले मोबाइल के प्ले स्टोर में जाकर एंटी रैगिंग टाइप करना होगा। यहाँ एंटी रैगिंग एमएचआरडी नाम से एक एप दिखाई देगा।इस एप में क्लिक करने के बाद उसे अपने मोबाइल पर स्टॉल करना होगा। इसमें कंपलेन स्टेट्स के साथ स्टूडेंट्स के लिए एक आईडी जनरेट होगा। इस आईडी के जरिए केस का स्टेट्स भी देख सकते हैं। सबसे पहले इसमें कंपलेन डिटेल डालना होगा फिर सबमिट करना होगा। वहीं, UGC द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5522 में शिकायत कर सकते है।
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शपथ के लिए ऑनलाइन एफिडेविट
पैरेट्स से छात्रों को अवेयर करने के लिए ऑनलाइन शपथ पत्र भराया जाएगा। इस शपथ पत्र में बच्चों को अवेयर करने के अतिरिक्त उन्हें रैगिंग लेने से रोकने के लिए जागरूक भी किया जाएगा। इसके साथ पैरेट्स के ईमेल और मोबाइल नंबर भी ऑनलाइन एफिडेविट में दर्ज किए जाएंगे। उन्हें एंटी रैगिंग से संबंधित जानकारी भी समय-समय पर दी जाएगी।
सेटिस्फेक्शन के बाद ओके रिपोर्ट
केस फ़ाइल करने के बाद स्टूडेंट्स को कोड नंबर दिए जाएंगे। इस कॉड के आधार पर स्टूडेंट्स केस का स्टेटस देख पाएंगे। सेटिस्फेक्शन के लिए स्टूडेंट्स को मेल भी भेजे जाएंगे। इस मेल से स्टूडेंट को सेटिस्फेक्शन की जानकारी देनी होगी। फिर इसे वेब रिपोर्ट में अपडेट किया जाएगा।