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40 हाथियों की धमक से थर्राए लोग, वन कर्मचारियों को दी जानकारी, कहा- यमराज आ गया… हैरानी ये कि जिस चौक में 2 लाख वाहनों की आवाजाही हर दिन होती है, वहां दिनों-दिन खतरा ज्यादा बढ़ता जा रहा है। क्योंकि ब्रिज पर लोग कैसे आवाजाही करें, इसके लिए संकेतक बोर्ड तक ब्रिज के ढलान प्वॉइंटों पर नहीं लगाया है।
रहता है दुर्घटना का खतरा
टाटीबंध शहर का सबसे अधिक भूलभुलैया और खतरनाक चौक है। इसलिए सबसे अधिक हादसे इसी चौक पर होते रहे हैं। इसे देखते हुए करीब 100 करोड़ की लागत में से 5 साल में फ्लाईओवर बनकर तैयार हुआ, परंतु व्यविस्थत यातायात की अभी काफी दरकार है।
चौक पर और ओवरब्रिज से रांग साइड से जाने वालों पर ट्रैफिक पुलिस भी ध्यान नहीं दे रही है। केवल निर्माण एजेंसी ने फ्लाईओवर के उतार भनपुरी और एम्स तरफ गार्ड तैनात कर रखा है, परंतु न तो बाइक वाले और न ही कार वाले उसके मना करने पर मानते हैं।
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: सावन 2023 : आस्था से छलके शिवालय, सवा लाख बातियों से हुई खारुन की महाआरती जबकि उन्हें ब्रिज के भनपुरी और एम्स तरफ से साइड वाली रोड से ही सरोना तरफ और भिलाई तरफ जाना है। फिर भी लोग सीधे ओवरब्रिज से निकल रहे हैं। इसलिए ये तरीका काफी खतरनाक है।
बनाया एक साइड से आवाजाही के लिए, दौड़ रहे दोनों तरफ से टाटीबंध फ्लाईओवर के ढलाने वाले हिस्से का डिवाइडर भी अभी अधूरा पड़ा है। संकेतक बोर्ड तक नहीं लगाना खतरे की बड़ी वजह है। संकेतक बोर्ड लगने से वाहन चालकों को एरो का निशान दूर से दिख जाता है कि उन्हें भनपुरी तरफ और एम्स तरफ से ब्रिज पर नहीं जाना है।
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RTI से विद्यार्थियों को इस दिन मिलेगा प्रवेश, 50 हजार से अधिक सीटों पर निकलेगी लॉटरी टाटीबंध चौक की फ्लाईओवर के दोनों तरफ से केवल सरोना और भिलाई तरफ के वाहन चालक ही आवाजाही कर सकते हैं। चाहे बड़े वाहन चालक हों या दोपहिया और कार वाले।
वहीं दो तरफ भनपुरी और एम्स तरफ ऐसी डिजाइन ब्रिज की कई है कि केवल भिलाई तरफ से आने वाले वाहन ही उतरेंगे। उससे जा नहीं सकते हैं। बल्कि ब्रिज के नीचे साइड रोड से ही घूमकर जाना है। लेकिन, रोड खराब होने की वजह से लोग जान जोखिम में डालकर सीधे ब्रिज पर चढ़ जाते हैं।