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पीजी करने के बाद बांड के तहत पास छात्रों को दो साल की ग्रामीण सेवा में जाना होता है। अब इसे ग्रामीण सेवा के बजाय दो साल की संविदा नियुक्ति का नाम दे दिया गया है। इसके तहत छात्रों को ग्रामीण सेवा तो कम शहरों के अस्पतालों में ज्यादा पोस्टिंग दी जा रही है।
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दरअसल दो साल की संविदा नियुक्ति जितनी जल्दी पूरी हो जाए, छात्रों के लिए अच्छा है। कई छात्र पीजी के बाद सुपर स्पेश्यालिटी कोर्स डीएम व एचसीएच की परीक्षा देते हैं। इसकी तैयारी के लिए समय चाहिए। कई छात्र संविदा सेवा पूरी होने के बाद नियमित या प्राइवेट नौकरी के लिए प्रयास करते हैं। हालांकि क्लीनिकल विभागों में पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों के लिए नौकरी की कोई कमी नहीं है। किसी न किसी सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में नौकरी लग जाती है।
नेहरू मेडिकल कॉलेज में दे रहे सेवा
नेहरू मेडिकल कॉलेज में चार ऐसे छात्रों की पोस्टिंग कर दी गई है, जो नियम विरुद्ध है। रेडियो डायग्नोसिस, रेडियो थैरेपी व मेडिसिन विभाग में ऐसे छात्रों की पोस्टिंग की गई है। चूंकि ये बड़े विभाग हैं इसलिए यहां पीजी छात्रों की संख्या काफी है। मेडिसिन में 51, रेडियो डायग्नोसिस में 33 व रेडियो थैरेपी विभाग में 18 पीजी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।