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एनएचएमएमआई हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक जैन का कहना है कि पेप्टिक अल्सर एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें पेट के भीतरी हिस्से में छाले पड़ जाते है। बीमारी बढ़ जाने पर छाले गहरे घाव में बदल जाते है और मरीजों को परेशानी होने लगती है। गलत खानपान की वजह से पेट में एसिडिटी बनने लगती है, तो यह स्थिति पैदा होती है। पेट में अल्सर (छाले) तीन तरह से होते हैं, जिसमें गैस्ट्रिक, एसोफेजल और डुआडनल अल्सर शामिल है।यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में तीसरी लहर की आहट, मगर वैक्सीनेशन की रफ्तार सुस्त, कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग
अल्सर के लक्षण
पेट के उपरी हिस्से में सुबह और रात के समय अत्यधिक दर्द, रक्तश्राव, उल्टी आना, जी मिचलाना, वजन कम होना, भूख ना लगना, मल के साथ काले रंग का खून, चिपचिपा दिखने वाला मल आना, उल्टी के साथ काला रंग का द्रव पदार्थ बाहर आना।
अल्सर से बचने यह उपाय
चाय, कॉफी, कोल्डड्रिंक, जंकफूड कम लें। रेशे वाले भोजन करें, किंतु मिर्च मसालों का उपयोग ना करे। टेलीविजन देखते हुए खाना ना खाए। धूम्रपान करने से बचें। यदि कोई दर्द है तो डॉक्टर की सलाह से पेन किलर का सेवन करें। नियमित व्यायाम करें और हमेशा तनावमुक्त रहने की कोशिश करें।