प्रशासनिक और पुलिस अफसरों के मोबाइल नंबर पब्लिक डोमेन में होने के कारण साइबर ठगों को नंबर आसानी से मिल जाते हैं। इसका वे दुरुपयोग करते हैं। सोशल मीडिया में उनके नाम से फर्जी आईडी बनाकर आम लोगों को झांसा देने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा वाट्सऐप में विभाग प्रमुख की डीपी लगाकर मातहात कर्मचारियों को ठगते हैं। दरअसल अधिकांश साइबर ठगी सजगता की कमी के चलते हो रही है। वर्तमान में सबसे ज्यादा डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग और सेक्सटॉर्शन जैसे तरीकों से लोगों को ठगा जा रहा है।
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: पुलिस के फेसबुक से जुड़े, रोज मिल रहे बचने के टिप्स
अनजान नंबर के जरिए वाट्सऐप लिंक से जोड़ा गया। कोटक सिक्युरिटी लिमिटेड के नाम से बने वाट्सऐप में निवेश करने के टिप्स देते रहे। शुरुआत में पैसा लगाने पर फायदा दिया। इसके बाद स्पेशल मेंबर बताकर मोबाइल ऐप डाउनलोड करवाया गया। उसके जरिए आईपीओ खरीदने के नाम रकम निवेश कराते रहे। ऐसा करते हुए 5 लाख से अधिक ठग लिया गया। इस तरह की ठगी से बचने के लिए साइबर क्राइम को लेकर जागरूक होना जरूरी है। रायपुर पुलिस के फेसबुक पेज से जुड़ना चाहिए। इसमें साइबर ठगी के पैटर्न, सुरक्षा और बचाव से जुड़ी जानकारी दी जा रही है। अनजान नंबरों से आए लिंक को ओपन नहीं करें। अनजन नंबर के जरिए किसी वाट्सऐप ग्रुप में न जुड़े। – अमिताभ त्रिपाठी, ऑनलाइन ठगी के पीड़ित, शिक्षक
जागरूक रहें, सुरक्षित रहें
साइबर ठगों से सावधान रहें। अज्ञात नंबरों से आने वाले कॉल्स से सावधान रहें। अपनी व्यक्तिगत और बैंक विवरण उनसे साझा न करें। ऐसे कॉल आए, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें। सोशल मीडिया प्रोफाइल को लॉक करके रखें। इसके लिए कई सुरक्षा फीचर होते हैं। कम समय से अधिक पैसा कमाने का लालच न करें।
पुलिस, सीबीआई सहित अन्य जांच एजेंसियां डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। इससे घबराएं नहीं। साइबर ठग किसी विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को उनके विभाग प्रमुख की फोटो डीपी में लगाकर वाट्सऐप मैसेज या कॉल करते हैं। फिर खुद को किसी मीटिंग में व्यस्त होने या परेशानी में फंसने के नाम पर पैसों की मांग करते हैं। इस तरह की बातों में न आएं। जिस नंबर से कॉल या मैसेज आता है, उसकी तस्दीक कर लें। अपने बॉस या अधिकारी के नंबर पर कॉल करके पता कर लें। ऑनलाइन ठगी होने पर तत्काल टोल फ्री नंबर 1930 में शिकायत करें। – अमरेश मिश्रा, आईजी, रायपुर
हिमत जुटाएं, पुलिस के पास जाएं
शेयर मार्केट में पैसा लगाने पर भारी मुनाफा होने का झांसा दिया गया। वाट्सऐप ग्रुप से जोड़कर अलग-अलग बैंक खातों में रकम जमा करवाए गए। 1 करोड़ 16 हजार रुपए ठग लिए। ऐसी ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। जब निवेश के नाम पर अलग-अलग बैंक खाते में पैसा जमा करवाने लगे, तो समझ लेना चाहिए कि ये ठग हैं। शेयर मार्केट में अलग-अलग बैंक खातों मे पैसा जमा नहीं करवाया जाता, जबकि साइबर ठग अलग-अलग बैंक खातों रकम जाम करने कहते हैं। इसी से समझ लेना चाहिए कि सामने वाला साइबर ठग है। अगर ठगी हो जाए, तो हिमत जुटाएं। घबराएं नहीं। तत्काल पुलिस के पास जाएं। पुलिस काफी सहयोग करती है। देरी न करें। – महेश रामचंदानी, ऑनलाइन ठगी के पीड़ित, कारोबारी