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होगी जांच
कर विशेषज्ञ चेतन तारवानी ने बताया कि 50 लाख या उससे ज्यादा की आय छिपाने पर आयकर विभाग 10 साल पुराने रिकॉर्ड की जांच कर सकता है। यह उसकी संपत्ति, लेनदेन के साथ ही छिपाई हुई नकदी, सोना-चांदी और शेयर से संबंधित दस्तावेज हो सकते हैं। फाइनेंस बिल 2022 में बदलाव किया गया है। इसलिए करदाता को हमेशा अपने आय के स्त्रोत के साथ ही टैक्स जमा करते समय इसका उल्लेख करना चाहिए। इसकी जानकारी नहीं देने पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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संदिग्ध खातों की स्क्रूटनी
आयकर विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि संदिग्ध खातों की स्क्रूटनी चल रही है। पुराने मामलों में टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितता बरतने वालों के टैक्स को जांच के दायरे में लिया गया है। इसके पूरा होने के बाद मई-जून में समंस जारी किया जाएगा। साथ ही बकाया टैक्स की वसूली की जाएगी।