इसमें बताया गया था कि उनके अग्रिम जमानत की हाईकोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। विधायक होने के कारण अपने क्षेत्र में कैंपेन और नागरिकों की समस्याओं का समाधान में व्यस्त होने के कारण जारी किए गए वारंट को निरस्त किया जाए। या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की जाए। ईडी के अधिवक्ता ने सौरभ पांडेय ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि सीआरपीसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। अग्रिम जमानत मिलने पर ही छूट दिए जाने का प्रावधान है। विशेष न्यायाधीश ने आवेदन को खारिज करते हुए आगामी सुनवाई के दौरान उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया। बता दें कि इस प्रकरण में कैलाश तिवारी को सुप्रीम से राहत दी गई है।
जमानत आवेदन खारिज महादेव ऐप में गिरफ्तार किए गए कारोबारी सुनील दम्मानी की ओर से दूसरी बार जमानत के लिए आवेदन लगाया गया था। ईडी की ओर से इसका विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि महादेव ऐप में संलिप्ता मिली है। महादेव ऐप की रकम को मनीलॉल्डि्रंग और हवाला के जरिए ट्रांजेक्शन किया गया है। इसे महादेव के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर से लेकर कई लोग लाभांवित हुए है।
कोर्ट ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया। वहीं ईडी के अधिकारियों द्वारा मारपीट करने का आरोप दीपेश टांक, निखिल चंद्राकर एवं एक अन्य ने लगाया था। इस आवेदन की सुनवाई के दौरान दो आवेदनों के वापस लेने और एक अन्य के उपस्थित नहीं होने पर इसे खारिज कर दिया गया।
शराब घोटाले की सुनवाई 27 अप्रैल को शराब घोटाले की सुनवाई को एक बार फिर 27 अप्रैल तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। इस प्रकरण में कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लन, एपी त्रिपाठी, नीतेष पुरोहित और अरविंद सिंह को आरोपी बनाया गया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने द्वारा इस प्रकरण की जांच और किसी भी तरह की विवेचना पर रोक लगाई गई है।