पहले बिना थीसिस जमा किए छात्र परीक्षा नहीं दे पाते थे। (NMC Rules Changed) थीसिस जांच करने के लिए एक्सटर्नल व इंटरनल की टीम होती थी। प्रदेश में एमडी-एमएस की 460 सीटें हैं। पिछले साल तक 401 सीटें थी। पीजी में
तीन साल में एक बार परीक्षा होती है। ऐसे में तीन वर्षीय कोर्स के छात्रों को फाइनल ईयर में थीसिस जमा करनी होती थी।
NMC Rules Changed: तीन साल की स्टडी
हालांकि थीसिस का विषय एडमिशन लेने के बाद तय हो जाता है। इसमें तीन साल की स्टडी होती है। इसके अनुसार थीसिस तैयार होती है। यह मोटा नोट बुक की तरह तैयार किया जाता है। इसमें छात्र के नाम के साथ गाइड का नाम लिखा होता है। इसे बकायदा चेक किया जाता है।
फिर
हैल्थ साइंस विवि भेजा जाता है। वहां थीसिस ओके होते ही छात्र परीक्षा में बैठने के लिए पात्र हो जाता है। एनएमसी के पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने हाल में इस निर्णय को मंजूरी दी है। (NMC Rules Changed) छत्तीसगढ़ समेत देशभर में यह नियम लागू हो गया है।
इसलिए लिया निर्णय
एनएमसी ने पहले पीजी की परीक्षा 31 दिसंबर तक करवाने को कहा था। इस तारीख तक देशभर के कई मेडिकल कॉलेजों के छात्रों की थीसिस पूरी नहीं हो पा रही थी। (NMC Rules Changed) छात्रों ने इसका विरोध भी किया था। फिर पीजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड की बैठक में थीसिस जमा किए बिना परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया गया। यही नहीं अब छात्रों के विरोध के बाद परीक्षा की तारीख भी आगे बढ़ाई गई है। अब 31 जनवरी 2025 के पहले परीक्षा करानी होगी।
कोरोनाकाल से बदल गया शेड्यूल
NMC Rules Changed: कोरोनाकाल के पहले पहले
नीट पीजी जनवरी से मार्च के बीच हो जाती थी। एडमिशन भी जून-जुलाई में हो जाता था। इस साल 11 अगस्त को नीट पीजी हुई है। (NMC Rules Changed) रिजल्ट हाल ही में आया है। इसलिए एडमिशन के लिए काउंसलिंग का शेड्यूल तय नहीं हो सका है।
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