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रायपुर

जिले में दम तोड़ रही प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा,गरवा,घुरवा और बाड़ी की योजना

– गौठानों की खराब स्थिति से मवेशियों को नहीं मिल पा रहा चारा.- जिले में 15 से 20 गौठानों का किया गया निर्माण.

रायपुरMay 07, 2020 / 09:01 pm

CG Desk

जिले में दम तोड़ रही प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा,गरवा,घुरवा और बाड़ी की योजना

जिले में दम तोड़ रही प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा,गरवा,घुरवा और बाड़ी की योजना

गरियाबंद . मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत मवेशियों के लिए बनाए गए गौठानों की स्थिति काफी खराब हो गई है। जिले में लगभग 15 से 20 गौठानों का निर्माण किया गया है, जिसमें छुरा ब्लॉक में लगभग 7 से 9 बीच के गौठानों का निर्माण किया गया, लेकिन आज यह महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ते हुए नजर आ रही है।
ऐसा ही एक नजारा विकासखंड छुरा के ग्राम पंचायत देवरी में देखने को मिला, जहां प्रशासनिक स्वीकृति के अनुसार लगभग 20 लाख रुपए की लागत से गौठान का निर्माण होना था और लोग अपने मवेशियों को यहां लाकर रखते, जिससे उन्हें रोजी-रोटी और इस योजना के तहत पशुपालन वर्मी कंपोस्ट एवं जैविक खाद निर्माण कर आत्मनिर्भर बन सके, लेकिन देवरी में ऐसा कुछ हो नहीं पाया। पानी टंकी में लंबे अर्से से पानी भरा गया था जो अब पूरी तरह गंदा हो चुका है और महीनों से भरे इस पानी में मेंढक तैयार हो गए। चारा नहीं होने की वजह से गौठान के भीतर केवल 2 भैंस ही नजर आ रहे थे, जो जमीन पर पड़े पैरा के छोटे-छोटे टुकड़ों को ही खा रहे थे।
इस तरह इस गौठान निर्माण में जो अव्यवस्था का आलम देखने को मिला, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में इस योजना का क्या हाल होगा। जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी सहित सचिव एवं सरपंच ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जबकि व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई है।
जिले में दम तोड़ रही प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा,गरवा,घुरवा और बाड़ी की योजना

चरवाहा के लिए नहीं मिली मानदेय की स्वीकृति
इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव संतोष साहू से पूछा गया तो उन्होंने बताया लगभग 6 लाख 50 हजार की लागत से ग्राम पंचायत द्वारा गौठान का निर्माण कराया गया है। व्यवस्था के लिए एक व्यक्ति को रखा गया है जो मशीन को चालू कर पानी भर देता है। मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था खरीफ फसल के पैरा से किए थे और अब रवि फसल का पैरा लाकर गौठान में रखा जाएगा। चरवाहा के लिए कोई मानदेय राशि स्वीकृत नहीं हुआ है। इसी वजह से चरवाहा नहीं रखा गया है।

सचिव को लगाई फटकार, व्यवस्था सुधारने दिए निर्देश
इस संबंध में जनपद पंचायत छुरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एनआर मांझी से चर्चा की गई तो उन्होंने सचिव को फटकार लगाते हुए व्यवस्था सुधारने की बात कही। साथ ही रोजगार सहायक को भेजकर टंकी में भरे गंदे पानी को साफ करवा कर साफ पानी भरने के निर्देश दिए। बहरहाल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी की स्थिति काफी खराब हो गई है।

जिले में इसकी समुचित मॉनिटरिंग करने वाला कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है। लाखों की लागत से गौठान का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन क्रियान्वयन सही नहीं होने की वजह से योजना दम तोड़ते नजर आ रही है। साथ में निरीक्षण में गए जिला कांग्रेस कमेटी सचिव गजेंद्र साहू ने सचिव एवं जनपद पंचायत छुरा के सीईओ मांझी से व्यवस्था सुधारने की बात कही। ताकि योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिले।

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