Monsoon 2024: मानसून की बेरुखी! बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालत, बढ़ते टेंपरेचर से खेतों में पड़ रही दरारें
Monsoon Update 2024: प्रदेश में इस समय मानसून रूठ गया है। बारिश नहीं होने से लोग उमस से बेहाल हो रहे है। वहीं किसान को भी चिंता सता रही है। खेतों में दरारे पड़ने से किसान की मुश्किलें बढ़ रही है।
CG Monsoon Update: मानसून की बेरुखी ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। नदियों की धार पतली हो गई है। खेतों में दरारे पड़ गईं हैं। जिन किसानों ने रोपाई कर दी है उन्हें नुकसान होने का डर सता रहा है। प्रदेश के पांचों संभागों में कमोबेश यही स्थिति है। नदियों में पानी कम होने से बांध भी पूरी तरह नहीं भर पा रहे हैं।
धमतरी. बारिश में धमतरी जिला बुरी तरह पिछड़ा है। गंगरेल समेत मुरुमसिल्ली, दुधावा, सोंढूर बांध सूखने की कगार पर हैं। तालाबों की भी हालत पतली है। खेती-किसानी का काम भी पिछड़ने लगा है। कृषि विभाग के अनुसार, धमतरी जिले में अब तक 44.60 हजार हैक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। बोर सुविधा वाले रोपा भी लगा रहे हैं। इधर, कम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ रही है।
दुर्ग – खेतों में पानी नहीं होने के कारण अटके रोपाई के काम
पखवाड़ेभर से दुर्ग जिले में ठीक से बारिश नहीं हुई है। इससे बारिश का आंकड़ा पिछले साल की तुलना में पिछड़ गया है। अल्पवर्षा व खंडवर्षा के कारण अब खेतों में दरार दिखने लगी है। जिले के करीब 20 फीसदी किसान रोपाई पद्धति से धान की फसल लेते हैं। इनके खेतों में नर्सरी तैयार है, लेकिन पानी की कमी के कारण रोपाई का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है।
Chhattisgarh Monsoon News: महासमुंद – खेत सूखे, किसान चिंतित, बांधों में पानी कम
महासमुंद जिले में भी नदी, तालाब और बांध प्यासे हैं। जिले में 1 जून से अब तक 181 मिमी बारिश हुई है। 11 जुलाई तक की स्थिति में औसत के हिसाब से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। मानसून की बेरुखी से किसान भी चिंतित है। जिले के सबसे बड़े बांध में 7.10 फीट पानी है। केशवा जलाशय में 13.6 फीट पानी है। जिले के 100 लघु जलाशयों में 95 में 25 प्रतिशत भी पानी नहीं है।
यहां 2019 से 2023 तक छत्तीसगढ़ में पुलिस और होमगार्ड कर्मियों की संख्या दिखाने वाला डेटा चार्ट है। यह चार्ट पिछले कुछ वर्षों में पुलिस और होमगार्ड दोनों कर्मियों की संख्या में लगातार वृद्धि को दर्शाता है।
बेरुखी – छत्तीसगढ़ में 31 फीसदी कम बारिश
प्रदेश में मानसून आए एक माह से ज्यादा बीत गया है। इसके बावजूद पर्याप्त पानी नहीं गिर रहा है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश में अब तक 221.4 मिमी बारिश ही हुई है। जबकि सामान्य बारिश 320.6 मिमी है। यानी अब तक 31 फीसदी कम पानी गिरा है। मौसम विभाग ने 11 जुलाई को प्रदेश में व्यापक वर्षा व एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी जारी की थी।
Monsoon In CG: अधिकतर नदियों की धार पतली
दुर्ग संभागः यहां नदियों की धार पतली हो गई है। इनमें शिवनाथ, आमनेर, तांदुला, खरखरा और हाफ नदियां शामिल हैं रायपुर संभाग: रायपुर संभाग: यहां की नदियों में भी पानी नहीं के बराबर है। जिसमें महानदी, सेंदुर, पैरी, सोंढूर, जोन और खारुन नदी शामिल हैं।
बिलासपुर संभागः मनियारी, महानदी, अरपा, खारंग नदी, शिवनाथ, आगर और लीलागर नदियां शामिल हैं।
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