CG Kidnapping: स्कूल शुरू होते ही गायब होने लगीं नाबालिग लड़कियां, कहीं मानव तस्करी तो नहीं?
CG Kidnapping: रायपुर शहर में स्कूल शुरू होते ही राजधानी में नाबालिगों के गायब होने का सिलसिला शुरू हो गया है। पिछले एक सप्ताह में शहर के अलग-अलग थानों में 10 नाबालिग लड़कियों के गायब होने के मामले दर्ज हुए हैं। इन नाबालिगों के मानव तस्करी करने वालों के चंगुल में फंसने की आशंका है।
CG Kidnapping: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में स्कूल शुरू होते ही राजधानी में नाबालिगों के गायब होने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। स्कूल-ट्यूशन या दोस्तों के साथ जाने के बहाने घर से निकलते हैं। इसके बाद दोबारा घर नहीं आते हैं। परिजन थानों में शिकायत लेकर जाते हैं।
CG Kidnapping: पुलिस एफआईआर कर लेती है, लेकिन अधिकांश मामलों को प्रेम-प्रसंग का मामला मानकर उन्हें ढूंढने में दिनचस्पी नहीं लेती है। पिछले एक सप्ताह में शहर के अलग-अलग थानों में 10 नाबालिग लड़कियों के गायब होने के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से किसी का गुजरात में तो किसी का उत्तरप्रदेश में होने की जानकारी मिली है। इन नाबालिगों के मानव तस्करी करने वालों के चंगुल में फंसने की आशंका है।
धरसींवा 25 अगस्त डीडी नगर 27 अगस्त मौदहापारा 27 अगस्त मौदहापारा 28 अगस्त कबीर नगर 28 अगस्त राजेंद्र नगर 28 अगस्त
तिल्दा-नेवरा 30 अगस्त सिविल लाइन 30 अगस्त सिविल लाइन 31 अगस्त टिकरापारा 1 सितंबर नाबालिगों के लापता होने की सूचना मिलते ही पुलिस एफआईआर दर्ज करती है। एफआईआर होने के बाद संबंधित थाने को उसकी जांच करना और ढूंढना अनिवार्य है। दर्ज हुए मामलों में पुलिस की टीमें जांच में लगी है। लापता हुए नाबालिगों को ढूंढा जा रहा है। नाबालिगों को जरूरत से ज्यादा मोबाइल व सोशल मीडिया का उपयोग करने नहीं देना चाहिए। उनके फ्रेंड सर्कल की भी जानकारी रखनी चाहिए।
सोशल मीडिया-मोबाइल का प्रभाव
नाबालिग लड़कियों के गायब होने की बड़ी वजह मोबाइल और सोशल मीडिया बन रहा है। घर छोड़ने वाली अधिकांश नाबालिग मोबाइल और सोशल मीडिया फ्रेंडली हैं। पढ़ाई से ज्यादा समय मोबाइल और सोशल मीडिया में समय देते हैं। फिलहाल पुलिस गुमशुदा हुए नाबालिगों की अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है।
तीन साल में 7 हजार से ज्यादा हुए मीसिंग
1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2023 तक रायपुर जिले से 7337 लोग लापता हुए। इनमें से 5602 लोगों को ढूंढ लिया गया। 1735 का अब तक पता नहीं चल पाया है। लापता होने वालों में नाबालिगों की संख्या अधिक है। वर्ष 2024 में भी अब तक 100 से ज्यादा नाबालिगों के लापता होने के मामले थानों में आए हैं।
मौदहापारा इलाके से 27 अगस्त को 15 वर्षीया नाबालिग अपने स्कूल जाने के लिए घर से सुबह 9.30 बजे निकली। स्कूल ड्रेस में थी और बैग लेकर निकली थी। शाम को वह घर नहीं लौटी। परिजनों ने स्कूल, मोहल्ले और उसकी सहेलियों से पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। परिजनों ने मौदहापारा थाने में शिकायत की। पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया। इस दौरान परिजनों ने नाबालिग की छोटी बहन और उसकी सहेलियों से पूछताछ करके पुलिस को संदिग्ध युवक की जानकारी दी।
इसके बाद भी मौदहापारा की टीम युवक को पकड़ने व नाबालिग को ढूंढने नहीं निकली है। परिजन थाने के चक्कर लगा कर परेशान हैं। इसी तरह डीडी नगर इलाके से गायब हुई नाबालिग का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। उसके यूपी में होने का संदेह जताया जा रहा है। एक सप्ताह बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल पाया है।
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