अधिकारियों की कार्रवाई को पहले खदान में मौजूद लोगों ने रोकने की कोशिश की। जब कार्रवाई नहीं रुकी तो 50 से 60 लोग नकाब पहनकर टीम को घेर लिया। खनिज माफिया के गुर्गों को देखकर टीम के लोग डरकर तितर-बितर हो गए। गुर्गों के हत्थे जो भी लगा उसको लाठी डंडे से जमकर पीटा और जब्ती पत्रक फाड़ दिया और सब को बंधक बना लिया। चालक दिनेश तिवारी को हाथ और चेहरे में गंभीर चोटें आई है। खनिज माफियाओं ने टीम को तब छोड़ा जब उन्होंने मशीनों की सील खोली। इसके बाद टीम भाग कर आरंग थाने पहुंची। बता दें कि एक सप्ताह पहले गरियाबंद में भी खनिज अधिकारियों को बांध कर रातभर पीटा गया था और शासकीय वाहन से तोड़फोड की गई थी।
इन्हें बनाया बंधक जिला खनिज कार्यालय के सुपरवाईजर अवध साहू, रघुनाथ भारद्वाज एवं सुरक्षाकर्मी जितेंद्र केशरवानी, राजू बर्मन, प्रेससिंह कुर्रे, रामकुमार वर्मा, चालक छबिलाल साहू, चालक दिनेश तिवारी एवं संचालनालय केंद्रीय उड़नदस्ता अधिकारी कुमार मंडावी एवं सहयोगी प्रशिक्षु खनिज अधिकारी दीपक आनंद साहू, भूषण कुमार पटेल, चिरंजीव कुमार जांगडे, दयानंद तिग्गा, शिखर चेरपा, इंद्रलाल राजवाडे एवं छबिलेश्वर मौर्य एवं खनिज सिपाही प्रह्लाद बिसेन एवं अखिलेश देवांगन को बंधक बनाकर मारपीट की गई।
रातभर आरंग थाने में चला ड्रामा मुख्यालय और जिला स्तर के डेढ़ दर्जन भर अधिकारियों से मारपीट की खबर सुनकर एसडीएम से लेकर पुलिस और खनिज के आला अधिकारी भी रात में आरंग थाने पहुंच गए। सूत्रों का कहना है कि एफआईआर न लिखने के लिए भारी दवाब आने लगा। आखिरकार खनिज अधिकारियों के विरोध पर गोलू दीवान, राजू ओगरे, दिनेश, रिषभ एवं अन्य लोग खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
जिला खनिज विभाग की टीम मुख्यालय की टीम के साथ हरदीडीह कार्रवाई करने पहुंची थी। उस दौरान कुछ लोगों ने टीम से मारपीट की है। उन पर आरंग थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। -के.के. गोलघाटे, उप संचालक, खनिज विभाग